मायापुरी अंक 47,1975
आखिरकार बड़े-मुंह और कथित स्वामी प्रेमनाथ के होश ठिकाने लगाने वाला आदमी मिल ही गये और वह हैं देव आनंद। जब और किसी की हिम्मत न पड़ी तो देव आनंद ने यह काम अपने हाथों में लिया।
प्रेमनाथ देवआनंद की फिल्म ‘जान ए मन’की शूटिंग कर रहे हैं और इस फिल्म के निर्देशक हैं चेतन आनंद ..उस दिन महबूब स्टूडियो में शूटिंग हो रही थी। शूटिंग में तीनों आर्टिस्ट प्रेमनाथ,हेमा मालिनी और देव आनंद का काम था। प्रेमनाथ अपनी आदत के अनुसार खूब पीकर सैट पर आये। चेतन आनंद ने कुछ कहना ठीक न समझा और शॉट की तैयारी शुरू कर दी। पहले शॉट में प्रेमनाथ ने एक दो जूनियर आर्टिस्टोंको मारने की एक्टिंग करनी थी। जब टेक शुरू हुआ तो प्रेमनाथ ने नशे में जोश से सचमुच मारना शुरू कर दिया बेचारा जूनियर आर्टिस्ट टेक के समय कुछ न बोला और मार खाता रहा। टेक के बाद जब चेतन आनंद ने फिर उसे लेना चाहा तो जूनियर आर्टिस्ट ने साफ कह दिया चेतन साहब, हम यहां किसी से मार खाने नही आये हैं।
चेतन आनंद क्या कहते कुछ बोल न पाये, लेकिन बात को यहींखत्म थोड़े ही होना था। ठीक उसी समय हेमा मालिनी मेकअप करके सैट पर दाखिल हुई तो प्रेमनाथ ने जैसे ही उन्हें देखा बाहें फैला कर उनकी तरफ बढ़ा और हेमा को चूमने (सिर्फ गालों पर) लगा वह थोड़ी देर तो खड़ी शर्माती रही फिर घबराकर मेकअप रूम में भाग गईं। यह सब देव आनंद को पता चला तो उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। वह आते ही प्रेमनाथ पर बरस पड़े।
तुम अपने आप को समझते क्या हो बहुत बड़े एक्टर हो अगर चिल्लाना एक्टिंग है तो हर कोई कर सकता है। मुझे किसी बात की परवाह नहीं है। ज्यादा से ज्यादा से यह पिक्चर बंद हो जायेगी लेकिन तुम कभी काम नहीं कर पाओगे, यह याद रखना। तुम यह सोच लो, काम करना है तो ठीक से करो।
यह कह कर देव आनंद ने पैकअप बोल दिया और उस दिन के लिए शूटिंग कैंसल कर दी गई। सब पेशोपेश में थे कि न जाने क्या होगा?
उसी रात को प्रेमनाथ देव आनंद के बंगले पर पहुंचे और माफी मांगी। देव आनंद ने भी हुई घटना को भूल जाना ही बेहतर समझा और अगले दिन शांति से शूटिंग शुरू हुई। प्रेमनाथ अपने किये वायदे के मुताबिक बिना पीये ही सैट पर आये और ढंग से काम किया।
प्रेमनाथ के हाथों तंग हुए कई निर्देशक, निर्माता बहुत खुश हैं और देव आनंद को दुआयें दे रहे हैं कि उन्होंने इसे बड़े-मुंह को सुधार दिया है।
लेकिन क्या वह सुधर गया है?