मायापुरी अंक 10.1974
पिछले सप्ताह रामानन्द सागर ने एक मोटर मैकेनिक को बुलाकर कार दिखाई और ठीक करने के लिए कहा। मैकेनिक कार की ट्रायल लेने के बहाने कार ले गया और फिर पलट कर वापस नही आया। सागर साहब ने पुलिस में कार चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। तीसरे दिन पता चला कि कार थाने में एक बिजली के खम्बे से टकराकर चकनाचूर हो गई है। दिलचस्प बात यह है कि कार चोर ने नशे की हालत में कार का एक्सीडेंट किया था। हवालात से उस आदमी ने वहां के कैन्टीन के बैरे के हाथ आनन्द सागर को पत्र भिजवाया कि उससे नशे की हालत में एक्सीडेंट हो गया है। कृपया मेरी जमानत देकर मुझे छुड़ा लीजिए।