मायापुरी अंक 12.1974
पोचीना (राजस्थान में) ‘रेश्मा और शेरा’ का निर्माण हो रहा था। सारी यूनिट इस कार्य के लिए लोकेशन पर इकट्ठी हो गई थी, लेकिन एक आर्टिस्ट नही पहुंचा था। लोग उसका इंतजार कर रहे थे। वह आर्टिस्ट अपने निवास स्थान पर सिगरेट का इन्तजार कर रहा था। उस क्षेत्र मैं जहां पीने के लिए पानी नही मिल पाता, कलेजा फूंकने के लिए सिगरेट कहां से मिल जाती और वह भी आर्टिस्ट की जिद थी कि उसे एक खास ब्रांड ही का सिगरेट चाहिए वह श्रीमान सिगरेट पिए बिना मूड में नही आते थे। और सिगरेट पिए बिना वह काम के बारे में सोच भी नही सकते थे। आपको यह जानकर आश्यर्य होगा कि वहां पीन का पानी 40-50 मील से ट्रकों मे भर कर लाया जाता था। और उस विशेष ब्रांड के लिए एक खास आदमी हवाई जहाज से दिल्ली गया और उसका ब्रांड लाया तब जाकर शूटिंग शुरू हुई।
आप उस आर्टिस्ट का नाम जानना चाहेगें वह था अपने रंग का अकेला कलाकार जयंत इसी सिगरेट के कारण एक बार जयंत को एक फिल्म से निकाल भी दिया था। क्योंकि सिगरेट जयंत की कमजोरी है। वह सैट पर सिगरेट के अलावा और किसी चीज की फरमाइश नही करता।