भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या ही हुई थी और उनकी मौत के मामले की जांच कर रही एजेंसियों ने ऐसे बड़े सबूतों को खोज लिया है जिससे यह साबित भी किया जा सकता है।शनिवार को उन्होंने दो ट्वीट किए और यह भरोसा जताया कि सुशांत को न्याय मिल जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि वो अपने दावों पर सही साबित होंगे।
अपने पहले ट्वीट में सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा, “सुशांत सिंह राजपूत के भक्त पूछते हैं कि SSR केस की सुनवाई कब शुरू होगी। मैं नहीं बता सकता, क्योंकि बॉडी नहीं होने की वजह से एम्स की टीम स्वतंत्र जांच नहीं कर सकती। इसलिए अस्पताल के रिकॉर्ड्स पर भरोसा करते हुए उसने बताया कि ‘हत्या तो नहीं हुई है, लेकिन सीबीआई परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर फैसला ले सकती है।’ इसलिए सीबीआई, ईडी, एनसीबी ने इतना जोश दिखाया।”
SSR bhaktas ask when SSR case will reach prosecution. I can’t say but: AIIMS team could'nt make independent probe since no body. So relied on Hospital records & said "murder not ruled out but CBI can decide on circumstantial evidence”. So CBI,ED,NCB at it with vigour…contd next
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 12, 2020
अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘अब जब त्रिमूर्ति एजेंसियां बड़े सबूतों का खुलासा कर चुकी हैं, जिससे मुझे पूरा विश्वास है कि सीबीआई के लिए अदालत में ये साबित करना आसान हो जाएगा कि निश्चित रूप से ये साजिश के तहत की गई हत्या का मामला है। ना केवल सुशांत को न्याय मिलेगा, बल्कि वे बॉलीवुड में चल रही सफाई प्रक्रिया में वे सही भी साबित हो जाएंगे।’
Now the Trimurti agencies have unearthed huge evidence by which I am confident CBI will find it easy to prove in Court that it was indeed murder by conspiracy. Not only justice will be done but SSR will be vindicated by the clean up that follows in Bollywood.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 12, 2020
इससे पहले भी एक ट्वीट कर सुब्रमण्यम स्वामी ने यह दावा किया था कि इसकैसे से जुड़े सबूतों को नष्ट किया गया है। उन्होंने लिखा था, ‘सबूतों को सलीके से नष्ट किया गया था। इसलिए इस केस में बहुत सावधानी से रिकंस्ट्रक्शन करने की जरूरत होगी। अगले ही दिन सुशांत का अंतिम संस्कार कर दिया गया था, इसलिए कूपर अस्पताल की ऑटोप्सी रिपोर्ट का निर्धारण करना सबसे कठिन काम होगा। इसलिए सीबीआई द्वारा प्राप्त परिस्थिजन्य साक्ष्यों और स्वीकारोक्ति के जरिए इस अंतर को भरा जा सकता है।’
There was systematic destruction in the evidence. This requires painstaking reconstruction. Since SSR was cremated next day, toughest is the re evaluation of the Cooper Hospital autopsy report. So circumstantial evidence obtained by CBI and confessions got have to fill the gap.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 3, 2020