मायापुरी अंक 2.1974
‘छुपे रुस्तम’ ‘डबल क्रास’ ब्लैक मेल और ‘कोरा कागज’ में निर्देशक और अभिनेता दोनों ही रूप में असफल होने पर विजय आनन्द गहरी निराशा का शिकार हो गये है। पता चला है कि उन्होनें नई फिल्में लेनी बन्द कर दी है। एक समाचार के अनुसार एक निर्माता थे उसे 14 लाख रुपये में निर्देशन के लिए अनुबंधित करना चाहता थे किन्तु विजय ने वह पेशकश यह कहकर ठुकरा दी कि वह इतने रुपयों का क्या करेगा?
यह भी पता चला है कि विजय आनन्द पूना के गुरू महाराज का शिष्य बन गया है और मन की शांति के लिए वह सप्ताह में दो-बार पूना जाता है। विशेषरूप से शानिवार को तो पूना जाना उसके लिए अनिवार्य हो गया है। कहते है कि पूना का यह सफर कार से होता है। इस सफर में उसकी हमसफर एक अभिनेत्री भी होती है।