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कैलाश खेर भारतीय संगीत जगत में अपनी सूफियाना आवाज़ और दिल को छू लेने वाली गायकी के लिए जाने जाते हैं। उनकी संगीत यात्रा ने उन्हें एक प्रेरणादायक और जुनूनी कलाकार बना दिया है।
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कैलाश खेर का जन्म 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। उनके पिता एक पुजारी और शौकिया लोक गायक थे, जिन्होंने कैलाश को संगीत की पहली प्रेरणा दी।
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किशोरावस्था में ही कैलाश ने संगीत के सपनों को पूरा करने के लिए घर छोड़ दिया और दिल्ली आ गए, जहां उन्होंने कई संघर्षों का सामना किया।
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2001 में मुंबई जाने के बाद कैलाश को विज्ञापन जिंगल्स में काम मिला, लेकिन उन्हें असली पहचान 2003 में फिल्म 'अंदाज़' के गाने "अल्लाह के बंदे" से मिली।
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2004 में कैलाश ने अपना बैंड 'कैलासा' शुरू किया, जिसने "तेरी दीवानी", "साईयां" और "बाबा बुल्लेशाह" जैसे हिट गाने दिए।
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एआर. रहमान के सामने पहली बार गाने के दौरान कैलाश खेर बहुत नर्वस हो गए थे, लेकिन रहमान ने उन्हें आत्मविश्वास दिलाया।
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"तेरी दीवानी" गीत की प्रेरणा कैलाश को माता वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान मिली थी।
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कैलाश खेर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रमों में और कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
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कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें 2017 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनके नाम कई अन्य पुरस्कार भी हैं।
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कैलाश खेर सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं और योग साधना के प्रति प्रेम रखते हैं, जिससे वे जीवन में संतुलन और अनुशासन का संदेश देते हैं।
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