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राकेश रोशन ने खुलासा किया कि उन्हें एक समय अपने ही सुरक्षा गार्ड्स से डर लगने लगा था, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि वे उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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2000 में 'कहो ना प्यार है' की रिलीज के बाद, राकेश रोशन पर मुंबई में गोलीबारी हुई थी, जिसमें वे बाल-बाल बच गए और सरकार ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई।
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राकेश रोशन ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों के साथ होने के बावजूद, वह खुद को असुरक्षित महसूस करते थे, खासकर जब वे उनके साथ कार में सफर करते थे।
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उन्होंने बताया कि सुरक्षा घेरे के कारण उन्हें घुटन महसूस होने लगी थी, और उन्होंने अंततः इसे हटाने का निर्णय लिया।
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हमला 21 जनवरी, 2000 को हुआ था, जब दो हमलावरों ने उन्हें उनके ऑफिस के पास गोली मारी थी। एक गोली उनके बाएं हाथ में लगी और दूसरी उनकी छाती को छूते हुए निकल गई।
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पुलिस जांच में पता चला कि इस हमले के पीछे बुदेश गैंग था, जो जबरन वसूली के पैसे को लेकर राकेश रोशन से विवाद में था।
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'कहो ना प्यार है' 2000 में रिलीज हुई थी और यह एक बेहद सफल फिल्म रही, जिससे ऋतिक रोशन और अमीषा पटेल ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।
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इस फिल्म के लिए राकेश रोशन को निर्माता और निर्देशक के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार मिला, और यह साल की सबसे सफल फिल्म साबित हुई।
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