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ललिता पवार, जो रामानंद सागर के धारावाहिक 'रामायण' में मंथरा के किरदार से प्रसिद्ध हुईं, का जन्म 18 अप्रैल 1916 को नासिक में हुआ था और उनका निधन 24 फरवरी 1998 को पुणे में हुआ।
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ललिता पवार का असली नाम अंबा लक्ष्मण राव था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 12 साल की उम्र में बाल कलाकार के रूप में की थी।
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वह न केवल एक अच्छी अभिनेत्री थीं बल्कि एक बेहतरीन गायिका भी थीं। उनके गाए गाने 'नील आभा में प्यारा गुलाब रहे' ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी।
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1942 में फिल्म 'जंग-ए-आजादी' की शूटिंग के दौरान एक हादसे में भगवान दादा द्वारा मारे गए तमाचे के कारण उनका चेहरा खराब हो गया और उन्हें लकवा मार गया।
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इस हादसे के बाद उनके करियर पर ब्रेक लग गया, क्योंकि उनके चेहरे की स्थिति के कारण उन्हें काम मिलना मुश्किल हो गया था।
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काफी समय बाद 1948 में निर्देशक एसएम यूसुफ की फिल्म 'गृहस्थी' में उन्हें नया रोल मिला।
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ललिता पवार ने अपने जीवन में दो शादियां कीं; पहली गनपत राव पवार से और दूसरी प्रोड्यूसर राजप्रकाश गुप्ता से।
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1990 में उन्हें जबड़े का कैंसर हो गया, जिससे उनका वजन कम हो गया और याददाश्त भी कमजोर हो गई, जिसके चलते उनका निधन हो गया।
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