A.R Rahman की अपने 'गुरु' उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को भावभीनी श्रद्धांजलि

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एआर. रहमान ने अपने गुरु उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को एक भावभीनी श्रद्धांजलि दी, जिसमें उन्होंने सूफी गीतों का चयन प्रस्तुत किया, जैसे 'ख्वाजा मेरे ख्वाजा', 'कुन फया कुन', और 'मौला'।

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यह कार्यक्रम बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के जियो वर्ल्ड गार्डन में आयोजित किया गया, जहां खुले आसमान के नीचे सूफियाना संगीत की गूंज सुनाई दी।

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इस कार्यक्रम का उद्देश्य उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान की चिरस्थायी विरासत को सम्मानित करना था और इसे 'हाजरी' के तीसरे संस्करण के रूप में पेश किया गया।

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कार्यक्रम में अनुभवी गायक हरिहरन और उस्ताद जी के परिवार के सदस्यों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।

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बॉलीवुड अभिनेत्री और शास्त्रीय नृत्यांगना हेमा मालिनी को पद्म विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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कार्यक्रम में कई मशहूर हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें अंजलि तेंदुलकर, सारा तेंदुलकर, निर्देशक हंसल मेहता और अभिनेता शरद केलकर शामिल थे।

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उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक महान प्रतीक थे और उन्होंने कई प्रसिद्ध गायकों को मार्गदर्शन दिया।

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'हाजरी 2025' को एनआर टैलेंट एंड इवेंट मैनेजमेंट द्वारा आयोजित किया गया था और इसमें शिवमणि द्वारा ड्रम के साथ पश्चिमी लय के फ्यूजन तत्व भी शामिल थे।