Dr.Jaspinder Narula Exclusive Interview: पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ.जस्पिंदर नरूला से ख़ास बातचीत

पद्मश्री से सम्मानित जस्पिंदर नरूला एक प्रतिष्ठित गायिका हैं, जिनकी आवाज़ भजन, सूफी और फिल्मी गीतों में आत्मा तक पहुंचती है।

हाल ही में, जस्पिंदर नरूला ने मायापुरी मैगजीन के साथ एक विशेष बातचीत में अपने विचार साझा किए, जिसमें उन्होंने संगीत, सामाजिक मुद्दों और महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रकट किए।

उन्होंने पद्मश्री पुरस्कार को उन बहादुर सैनिकों को समर्पित किया जिन्होंने हाल के संघर्षों में योगदान दिया है।

जस्पिंदर ने सोशल मीडिया के ट्रेंड्स पर अपनी बेबाक राय व्यक्त की, जहां उन्होंने कहा कि आजकल मसाला और तमाशा ज्यादा पसंद किया जाता है, लेकिन सच्ची प्रतिभा का सम्मान होना चाहिए।

ऑटोट्यून और एआई के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि इससे संगीत की आत्मा नष्ट हो रही है, क्योंकि असली गायकी गायब होती जा रही है।

उन्होंने कहा कि सफलता किस्मत से मिलती है, जबकि संतोष आत्मा से आता है, और असली संतोष तभी मिलता है जब उनका गाना ऊपरवाला सुनता है।

एक कलाकार का समाज में संवेदनशीलता और संतुलन के साथ योगदान होना चाहिए, और उन्हें लोगों के दुख-सुख में साथ देना चाहिए।

महिला कलाकारों के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि संयम, मेहनत और आत्मविश्वास से महिलाएं ऊँचाई तक पहुँच सकती हैं, लेकिन सीमाओं में रहकर ही उन्हें आगे बढ़ना चाहिए।

पहलगाम आतंकी हमले पर उन्होंने संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह बहुत बुरा हुआ और वह इस घटना को दिल पर लेती हैं।

अंत में, उन्होंने अपने चाहनेवालों से उनके प्यार की कामना की और कहा कि वह अपने संगीत के माध्यम से लोगों के दिलों तक पहुंचने की कोशिश करती रहेंगी।