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मनोज कुमार, जिन्हें "भारत कुमार" के नाम से भी जाना जाता था, का निधन हो गया है, जिससे उनके प्रशंसकों और फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उन्हें उनकी देशभक्ति और सामाजिक संदेशों वाली फिल्मों के लिए याद किया जाएगा।
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उनका असली नाम हरि कृष्ण गोस्वामी था और वे एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे, जिन्होंने अभिनय, फिल्म निर्माण, संपादन और होम्योपैथी में योगदान दिया।
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मनोज कुमार का निधन 87 वर्ष की आयु में गंभीर हृदयाघात और कार्डियोजेनिक शॉक के कारण हुआ। वे पिछले कुछ महीनों से लीवर की गंभीर बीमारी से भी जूझ रहे थे।
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शुक्रवार को उनके पार्थिव शरीर को जुहू स्थित उनके आवास पर रखा जाएगा, जहां उनके प्रशंसक और सहकर्मी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सकेंगे। अंतिम संस्कार शनिवार को होने की संभावना है।
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मनोज कुमार की फिल्में जैसे 'उपकार' और 'पूरब और पश्चिम' उनके प्रशंसकों के लिए प्रेरणास्रोत रही हैं। उनके गीतों और संदेशों ने समाज पर गहरा प्रभाव डाला है।
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90 के दशक में, मनोज कुमार ने एक पत्रकार को होम्योपैथिक उपचार की सलाह दी थी, जिससे उन्हें राहत मिली और उन्होंने उन्हें "डॉ मनोज साहब" कहकर धन्यवाद दिया।
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मनोज कुमार को 2019 में लाइफ-टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह उनके सिनेमाई योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण क्षण था।
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उनकी फिल्मों की विशेषता थी उनका मजबूत कथानक, मधुर संगीत और सामाजिक संदेश, जो उन्हें कालजयी बनाता है। उनका यह दृष्टिकोण आज भी प्रासंगिक है।
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मनोज कुमार की शीर्ष फिल्मों में 'शहीद', 'हिमालय की गोद में', 'वो कौन थी', 'उपकार', 'पुरब और पश्चिम', 'क्रांति', और 'रोटी कपड़ा और मकान' शामिल हैं।
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मनोज कुमार का आशीर्वाद और प्रेरणादायक व्यक्तित्व उन्हें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रखेगा। वे एक अद्वितीय और प्रेरणादायक सितारे के रूप में याद किए जाएंगे।
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