Nawazuddin siddiqui birthday:शक्ल पर उंगलियां उठीं, पर अभिनय ने हर जुबान बंद कर दी

Nawazuddin siddiqui

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने एक साधारण पृष्ठभूमि से उठकर भारतीय सिनेमा में अपनी खास पहचान बनाई है। उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी प्रेरणादायक है, जो यह दर्शाती है कि कठिनाइयों के बावजूद सफलता हासिल की जा सकती है।

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उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले के बुढ़ाना गांव में जन्मे नवाज़ुद्दीन ने केमिस्ट के रूप में काम किया, लेकिन अभिनय के प्रति जुनून ने उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली की ओर खींचा।

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मुंबई में शुरुआती संघर्ष के दौरान उन्हें छोटे-मोटे रोल्स मिले और आर्थिक तंगी के चलते चौकीदार की नौकरी भी करनी पड़ी। रंग-रूप और पारंपरिक हीरो जैसी छवि न होने के कारण उन्हें कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा।

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1999 में फिल्म 'सरफ़रोश' से अपने करियर की शुरुआत के बाद, नवाज़ुद्दीन ने 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में 'फैज़ल खान' का किरदार निभाकर बड़ी सफलता प्राप्त की।

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उनके अभिनय करियर में 'कहानी', 'तलाश', 'मांझी: द माउंटेन मैन', 'रमन राघव 20', 'सीरियस मैन', और 'रात अकेली है' जैसी प्रमुख फिल्में शामिल हैं।

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नवाज़ुद्दीन की निजी जिंदगी भी विवादों से घिरी रही है। पूर्व मिस इंडिया निहारिका सिंह ने #MeToo अभियान के तहत उन पर गंभीर आरोप लगाए थे, और उनकी आत्मकथा 'An Ordinary Life' ने भी विवाद खड़ा किया।

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नवाज़ुद्दीन और उनकी पत्नी आलिया के बीच वैवाहिक विवाद ने भी सुर्खियां बटोरीं। आलिया ने नवाज़ुद्दीन पर मानसिक उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के आरोप लगाए थे, जबकि नवाज़ुद्दीन ने इन आरोपों का खंडन किया।

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नवाज़ुद्दीन को उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं। हाल ही में वे ज़ी5 की फिल्म 'कोस्टाओ' में नजर आए।

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नवाज़ुद्दीन की कहानी उनके संघर्ष, दृढ़ संकल्प और अभिनय प्रतिभा का जश्न मनाती है, जिसने उन्हें भारतीय सिनेमा में एक विशेष स्थान दिलाया है।