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पंकज उधास का नाम भारतीय गज़ल गायकी में एक प्रमुख स्थान रखता है, और उन्होंने अपने संगीत से कई लोगों के दिलों को छुआ है।
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पंकज उधास का संगीत करियर होटलों में गाते हुए शुरू हुआ, जहां उन्होंने शराब में डूबे लोगों का दिल बहलाया और अपनी पहचान बनाई।
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पंकज उधास का मानना था कि गज़ल गायकी में केवल पोशाक नहीं, बल्कि पूरी तैयारी आवश्यक है, जो नई पीढ़ी के गायकों में कम दिखाई देती है।
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उन्होंने गज़लों का भविष्य उज्ज्वल बताया, जबकि यह भी माना कि फिल्म संगीत और डिस्को म्यूजिक की वापसी का खतरा हमेशा बना रहता है।
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पंकज उधास ने गज़ल गायकी को बेगम अख्तर, मेंदही हसन और गुलाम अली जैसे फनकारों की विरासत बताया, जिन्होंने इस कला को अपना खून पिलाया है।
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उन्होंने संगीत और अभिनय के तालमेल पर विचार किया लेकिन गायकी को प्राथमिकता दी, और वीडियो कैसेट बनाने की योजना पर विचार कर रहे थे।
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पंकज उधास का निधन 26 फरवरी, 2024 को लंबी बीमारी के बाद हो गया, जिससे भारतीय संगीत उद्योग में एक खालीपन आ गया।
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उनकी बेटी, नायाब उधास, संगीत समारोहों और उनके काम के डिजिटल संग्रह के माध्यम से उनकी विरासत को संरक्षित कर रही हैं।
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लेख में गोविंदा के जन्मदिन की पार्टी और उस दौरान हुए विभिन्न समारोहों का भी जिक्र किया गया है, जो एक भव्य आयोजन था।
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अंततः लेख में पंकज उधास के संगीत की गहराई और उनकी गायकी के प्रभाव की चर्चा की गई है, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।
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