Read Full Story
टीवी शो 'छोरियाँ चली गाँव' से सुपरमॉडल रेहा सुखेजा का सफर खत्म हो गया है, जिसके बाद उन्होंने अपने अनुभव मीडिया के साथ साझा किए हैं।
Read Full Story
शो के दौरान रेहा ने गाँव में जीवन के विभिन्न पहलुओं का अनुभव किया, जिसमें बिना गद्दे के सोना और ग्रामीण कार्यों में हिस्सा लेना शामिल था।
Read Full Story
रेहा ने बताया कि गाँव के लोग बेहद सादगीपूर्ण और मेहमाननवाज़ थे, जिसने उन्हें अपने परिवार से दूर रहते हुए भी अपनापन महसूस कराया।
Read Full Story
शो में रेहा ने कई नए काम किए जैसे गोबर के उपले बनाना, मुर्गी पकड़ना, बैलगाड़ी चलाना और कुश्ती करना, जो उनके लिए नए और मजेदार अनुभव थे।
Read Full Story
प्रतियोगिता के अनुभव के बारे में, रेहा ने कहा कि सभी लड़कियों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना थी, लेकिन यह अनुभव मजेदार रहा।
Read Full Story
शो से सबसे बड़ी सीख यह मिली कि गाँव के लोग भले ही साधनों में कम हों, लेकिन संतोष और खुशी में बहुत आगे हैं, जो शहर के लोगों में कम देखने को मिलता है।
Read Full Story
गाँव छोड़ते समय रेहा और उनकी सह-प्रतियोगी सुरभि भावुक हो गईं, क्योंकि वहाँ बिताया समय उनके जीवन की सबसे अच्छी यादों में से एक बन गया।
Read Full Story
रेहा ने बाकी प्रतियोगियों के लिए संदेश दिया कि शो का असली मकसद झगड़ों से हटकर एक खूबसूरत अवधारणा को सामने लाना है, जिससे यह शो भारत के लिए प्रेरणादायी बन सके।
Read Full Story