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शुभांगी अत्रे ने वर्ल्ड टेलीविज़न डे के मौके पर पुराने भारतीय टीवी शोज़ की सादगी और गहराई की तारीफ की, जो आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है।
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उन्होंने कहा कि टीवी ने उनके बचपन को आकार दिया और उनके जीवन में एक विशेष स्थान रखा है। उनके लिए टीवी की यादें बहुत भावुक और प्यारी हैं।
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शुभांगी का मानना है कि पहले के टीवी शोज़ में सच्चाई और सादगी थी, जो आज के कंटेंट में कम दिखाई देती है। यह विशेषताएं दर्शकों को आज भी उन शोज़ की ओर खींचती हैं।
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उन्होंने टीवी के बदलते दौर पर टिप्पणी की, जिसमें अब अनगिनत चैनल और OTT प्लेटफ़ॉर्म के विकल्प मौजूद हैं, जो दर्शकों को अपनी पसंद का कंटेंट देखने की सुविधा देते हैं।
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शुभांगी ने कहा कि टीवी और OTT दोनों का अपना महत्व है, लेकिन टीवी का अपनापन और गर्माहट कुछ अलग ही होती है, जो दर्शकों को किरदारों से जोड़ती है।
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उनके अनुसार, टीवी शोज़ दर्शकों के जीवन का हिस्सा बन जाते हैं और यही उसकी खूबसूरती है। ये शोज़ परिवारों को साथ लाकर भावनात्मक जुड़ाव बनाते हैं।
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शुभांगी ने उन पुराने शोज़ का ज़िक्र किया जिन्हें वह वापस लाना चाहती हैं, जैसे 'हम लोग', 'बुनियाद', 'नुक्कड़', और 'कसौटी ज़िंदगी की', जो केवल देखे नहीं, बल्कि महसूस किए जाते थे।
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उन्होंने कहा कि इन शोज़ की कहानियों में सच्चाई और भावनात्मक गहराई थी, जो लोगों के दिलों तक पहुँचती थी और आज भी दुनिया को इसी ईमानदारी की जरूरत है।
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