Read Full Story
मैक मोहन, जिनका असली नाम मोहन माकिजनी था, का जन्म 24 अप्रैल 1938 को कराची, ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) में हुआ। उन्होंने भारतीय सिनेमा में खलनायक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई।
Read Full Story
वह मूल रूप से एक क्रिकेटर बनने का सपना लेकर मुंबई आए थे, लेकिन थिएटर और अभिनय की ओर आकर्षित होकर फिल्मालय स्कूल ऑफ एक्टिंग में दाखिला लिया, जिससे उनका करियर शुरू हुआ।
Read Full Story
मैक मोहन ने चेतन आनंद के अधीन सहायक निर्देशक के रूप में शुरुआत की और 1964 की फिल्म 'हकीकत' में अभिनय की दुनिया में कदम रखा। अपने करियर में उन्होंने 200 से अधिक फिल्मों में काम किया।
Read Full Story
1970 और 80 के दशक में 'डॉन', 'कर्ज', 'सत्ते पे सत्ता', 'जंजीर', 'रफू चक्कर', 'शान' और 'खून पसीना' जैसी फिल्मों में खलनायक के रूप में यादगार भूमिकाएं निभाईं।
Read Full Story
उनकी सबसे प्रतिष्ठित भूमिका रमेश सिप्पी की क्लासिक फिल्म 'शोले' में सांभा की थी, जो आज भी दर्शकों के बीच लोकप्रिय है।
Read Full Story
मैक मोहन की बहुमुखी प्रतिभा केवल हिंदी सिनेमा तक सीमित नहीं थी। उन्होंने भोजपुरी, गुजराती, हरियाणवी, मराठी, पंजाबी, बंगाली और सिंधी फिल्मों में भी काम किया।
Read Full Story
उन्हें "मैक" नाम से विशेष पहचान मिली, जो अक्सर उनके चरित्र के नाम के रूप में भी इस्तेमाल होता था।
Read Full Story
2010 में 72 वर्ष की आयु में फेफड़ों के कैंसर के कारण उनका निधन हो गया। उनकी जयंती पर, भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को याद किया जाता है।
Read Full Story
उनके अभिनय की विरासत आज भी अनगिनत फिल्मों के माध्यम से जीवित है, जो एक महान कहानी में खलनायक की भूमिका की शक्ति को दर्शाती है।
Read Full Story