Birth Anniversary Alka Yagnik: मैं सरस्वती की आराधिका हूँ

लेख अलका याज्ञनिक के जन्मदिवस पर आधारित है, जिसमें उनके जीवन और संगीत करियर के अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है।

अलका याज्ञनिक को फूलों से विशेष प्रेम है, खासकर गुलाब की सूखी पत्तियों को भी वे सहेज कर रखती हैं। गुलाब के फूलों का समर्पण उन्हें आनंदित करता है।

लेख में अलका के युवावस्था के अनुभवों का भी उल्लेख है, जब उन्हें पहली बार राखी जी के लिए पाश्र्व गायन करने का अवसर मिला और इस अनुभव ने उनके करियर को नई दिशा दी।

अलका ने बताया कि उनकी आत्मा का सौंदर्य उनके संगीत में झलकता है और हर गीत को वे पूरी तन्मयता से गाती हैं।

ओपी नैय्यर के साथ काम करने के अवसर को अलका ने सौभाग्य का विषय बताया और उनकी धुनों को आज भी जवां माना।

लेख में अलका की ईश्वर के प्रति आस्था का जिक्र है। वे सरस्वती की आराधिका हैं और हर गाने की रिकॉर्डिंग से पहले शेगंवाली मां को याद करती हैं।

अलका ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने दिल को केवल अपने स्वरों और सुरों से ही जोड़ा है, किसी अन्य से नहीं।

लेख के अंत में एक खूबसूरत शाम का वर्णन है, जो अलका याज्ञनिक की मुस्कान और उनकी संगीत यात्रा की खुशबू से महक रही थी।