फ़िल्म 'Sangam' का जादू, 61 वर्षों बाद भी क्यों है ये फिल्म खास?

फ़िल्म 'संगम' 1964 में रिलीज़ हुई थी और यह राज कपूर की निर्देशन में बनी एक क्लासिक प्रेम त्रिकोण फिल्म है, जिसमें राज कपूर, वैजयंतीमाला और राजेंद्र कुमार ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं।

'संगम' की कहानी तीन बचपन के दोस्तों- सुंदर, राधा और गोपाल के बीच के प्रेम और त्याग की भावनात्मक यात्रा को दर्शाती है, जिसमें दोस्ती, प्यार और वफ़ादारी की गहरी भावनाएं शामिल हैं।

इस फ़िल्म का संगीत शंकर-जयकिशन द्वारा रचा गया था और इसके गीत जैसे 'बोल राधा बोल', 'दोस्त दोस्त न रहा' और 'ये मेरा प्रेम पत्र' आज भी यादगार हैं, जिन्हें लता मंगेशकर, मुकेश और मोहम्मद रफ़ी ने गाया था।

'संगम' पहली हिंदी फिल्म थी जो बड़े पैमाने पर लंदन, पेरिस और स्विट्जरलैंड जैसी विदेशी लोकेशनों पर शूट की गई थी, जिससे भारतीय दर्शकों को पहली बार विदेश की विस्तृत झलक मिली।

फ़िल्म का निर्माण, निर्देशन और संपादन स्वयं राज कपूर ने किया था, और यह उनकी पहली पूर्ण रंगीन फिल्म थी। इसके निर्माण में भारतीय वायु सेना के सहयोग से युद्ध के दृश्यों का फिल्मांकन भी शामिल था।

'संगम' का बजट उस समय के हिसाब से काफी अधिक था, लेकिन यह 1964 की सबसे अधिक कमाई करने वाली हिंदी फिल्म बन गई और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता मिली।

वैजयंतीमाला को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला था, जबकि राज कपूर को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और संपादन के लिए सराहा गया।

फ़िल्म की शूटिंग से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं, जैसे कि वैजयंतीमाला के गाने की शूटिंग के दौरान एक छोटी लड़की की टिप्पणी, जो बाद में अभिनेत्री राधा सलूजा बनीं।

'संगम' के बाद आरके.फिल्म्स से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन अगली फिल्म 'मेरा नाम जोकर' ने पहली बार में निराश किया, हालांकि बाद में यह भी क्लासिक बन गई।