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कुब्रा सैत ने हाल ही में ब्रह्मपुत्र नदी पर 180 किलोमीटर की साहसिक राफ्टिंग यात्रा पूरी की और इस अनुभव ने उन्हें जीवन में डर के बजाय साहस को चुनने का नया दृष्टिकोण दिया।
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अरुणाचल प्रदेश के सियांग नदी पर यह यात्रा 12 दिनों में पूरी हुई, जिसमें सात दिन लगातार राफ्टिंग की गई। यह यात्रा कठिन थी क्योंकि इसमें आधुनिक सुविधाओं की कमी थी और शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति की परीक्षा ली गई।
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कुब्रा ने अपनी यात्रा की झलकियां इंस्टाग्राम पर साझा कीं और यह संदेश दिया कि साहसिक यात्रा सपने देखने से नहीं, बल्कि उसके लिए कदम उठाने से होती है।
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उन्होंने बताया कि साहस को चुनना जरूरी है, क्योंकि यह डर को पार करने की क्षमता विकसित करता है और जीवन को एक नई दिशा देता है।
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इस यात्रा में कुब्रा को 19 वर्षीय तामार से प्रेरणा मिली, जिसने उन्हें उनके युवा स्व से मिलवाया और साहस के महत्व की याद दिलाई।
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कुब्रा ने अरुणाचल प्रदेश के स्वच्छ वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता की तारीफ की और इसे शहरों की तुलना में अधिक सुखद बताया।
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उन्होंने राफ्टिंग के दौरान 18 फीट की राफ्ट से 30 फीट की लहरों को चीरने के अनुभव को अविस्मरणीय बताया और कहा कि यह अनुभव जीवन को बदल सकता है।
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कुब्रा का मानना है कि हर व्यक्ति को ऐसी साहसिक यात्रा जरूर करनी चाहिए, क्योंकि यह जीवन और व्यक्तित्व को नए आयाम देती है।
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