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Sulena Majumdar Arora

मुंबई की सड़कों पर धूम मची थी जन्माष्टमी की, एक बिल्डिंग से दूसरे बिल्डिंग तक, तीसरे चौथे मंजिल के बीच डोर बंधी थी और उसपर झूल रही थी सुंदर, अलंकृत मिट्टी की हांडी जो सजी थी नोटों, फूल मालाओं और फलों से. पार्श्व में बज रहा था, 'मच गई शोर सारी नगरी में, आय

राघव जुयाल ने हाल ही में प्रेस्टिजियस टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित अपनी फिल्म 'किल' में एक पुरुषवादी रोल परफॉर्म करके  सिनेमाई परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है. राघव के परफॉर्मेंस को विलेन ऑफ द इयर के रूप में घोषित किया गया है, जो क्

बॉलीवुड, जिसे अक्सर भारतीय मनोरंजन का दिल कहा जाता है, अब केवल अभिनय और चकाचौंध तक सीमित नहीं रह गया है. हाल के वर्षों में, कई प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों ने व्यवसाय की दुनिया में कदम रखा है, जिससे साबित होता है कि वे सिल्वर स्क्रीन पर सिर्फ एक स्टार से कहीं

सैयामी खेर, जो सिनेमा में अपनी प्रभावशाली भूमिकाओं के लिए जानी जाती हैं, विकलांग लोगों के समावेश के आंदोलन में अपनी आवाज़ देने के लिए आगे बढ़ी हैं. अपनी हालिया फिल्म 'घूमर' से प्रेरणा लेते हुए, जिसमें उन्होंने एक शारीरिक रूप से विकलांग क्रिकेटर का किरदार

फ़िल्म जीना अभी बाकी है, पास्ता, वार्निंग, नाम शबाना, हमारी अधूरी कहानी, बेबी, सिगरेट की तरह, कालो, बचना ऐ हसीनों, में अभिनय के साथ साथ टीवी सीरियल कस्तुरी, श्री, झांसी की रानी, रंग बदलती ओढ़नी, फिएर फैक्टर खतरों के खिलाड़ी, परिचय नई जिंदगी के सपनो का, कु

फ़िल्म और टीवी इंडस्ट्री में रश्मि देसाई को कौन नहीं जानता. टीवी हो ओटीटी हो या फिल्म, मनोरंजन जगत में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां रश्मि देसाई पॉप्युलर न हुई हो.  दर्शकों के साथ उनका सोशल मीडिया के जरिए हमेशा संपर्क बना रहा. वैसे उनके वास्तविक जीवन की ब

बॉलीवुड में कई तरह के किरदारों को सिल्वर स्क्रीन पर जीवंत करने का अपना एक अलग ही अंदाज़ है और गैंगस्टर इस लिस्ट में शामिल हैं. ऐसी भूमिकाएँ  न केवल बॉलीवुड के अभिनेताओं को चुनौती देते हैं बल्कि दर्शकों पर भी अमिट छाप छोड़ते हैं. यहां कुछ बॉलीवुड अभिन

जानें कैसे अहाना कुमरा, राजकुमार राव, आयुष्मान खुराना और सीमा पाहवा के गुरुओं ने बदली उनकी जिंदगी. प्रसिद्ध अभिनेता जैक लेमन ने एक बार कहा था कि कलाकार तभी महान बनते हैं जब वे अपने सब-पर्सनालिटीज़ तक सहज पहुंच बनाने में सक्षम होते हैं. इब्राहिम अल्काज़ी

पिछले दिनों एक अविस्मरणीय कार्यक्रम में, प्रसिद्ध फिल्म निर्माता महेश भट्ट और टॉक शो "पहचान" की प्रतिष्ठित टीम ने यंग प्रोग्रेसिव सिख फोरम पटियाला (वाईपीएसएफ) के साथ मिलकर पंजाबी फिल्म "मस्तानी" की एक विशेष स्क्रीनिंग की मेजबानी की.यह दिल छू लेने वाला प्र

प्रेम कहानियाँ अक्सर कला को प्रेरित करती हैं और हमेशा के लिए हमारी स्मृतियों का एक अभिन्न हिस्सा बन जाती हैं. चाहे वह शायर दाग़ देहलवी का नर्तकी  मुन्नी बाई के प्रति जुनून हो, जिसे ज़ी थिएटर के टेलीप्ले 'दाग-ओ-हिजाब' ने अमर कर दिया गया था, या फिल्म '

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