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Remembering Priya Tendulkar: हिंदी साहित्य जगत की बहुमुखी प्रतिभा की धनी प्रिया तेंदुलकर (Priya Tendulkar) की आज, 19 सितंबर, 2025 को 23वीं पुण्यतिथि है. प्रिया भारतीय सिनेमा, टेलीविजन और साहित्य जगत की एक ऐसी शख्सियत थीं, जिन्होंने अपनी अभिनय क्षमता, सामाजिक सक्रियता और लेखन से लाखों दिलों पर राज किया. वे प्रसिद्ध मराठी नाटककार विजय तेंदुलकर (Vijay Tendulkar) की बेटी थीं, विजय भारतीय साहित्य में एक प्रमुख नाम थे.
प्रिया तेंदुलकर का शुरुआती सफर (Priya Tendulkar's journey)
प्रिया का जन्म 19 अक्टूबर, 1954 को मुंबई में हुआ था. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा विले पार्ले के एक मराठी माध्यम स्कूल में पूरी की. उनके परिवार में दो बहनें और एक भाई था, जिसमें उनकी बड़ी बहन सुषमा (Sushma) और भाई राजू (Raju) शामिल थे. प्रिया तेंदुलकर ने अपनी अभिनय यात्रा 1969 में एक स्टेज प्ले से शुरू की, लेकिन उसके बाद करीब पांच साल तक वे इस क्षेत्र से दूर रहीं. इस दौरान उन्होंने विभिन्न नौकरियां कीं, जैसे होटल में रिसेप्शनिस्ट, एयर होस्टेस, मॉडलिंग और यहां तक कि न्यूज रीडर का काम भी. हालांकि, इनमें सफलता न मिलने पर वे वापस अभिनय की दुनिया में लौटीं और एक जाना-माना चेहरा बन गईं.
टेलीविजन की स्टार प्रिया तेंदुलकर (Television star Priya Tendulkar)
टेलीविजन पर ही प्रिया को असली पहचान मिली. बसु चटर्जी (Basu Chatterjee) द्वारा निर्देशित धारावाहिक 'रजनी' (Rajni, 1985) में मुख्य भूमिका ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया. इस शो में उन्होंने एक सशक्त महिला का किरदार निभाया, जो सामाजिक मुद्दों पर आवाज उठाती थी. इसके बाद उन्होंने 'नुक्कड़' (Nukkad), 'श्रीमती श्रीमती' (Shrimati Shrimati) और 'सर्कस' (Circus) जैसे टीवी शो में भी काम किया. इसके बाद 1995 में एकता कपूर (Ekta Kapoor) के कॉमेडी शो 'हम पांच' (Hum Paanch) में वे आनंद माथुर (Anand Mathur) की मृत पत्नी 'रजनी' (Rajni) के रूप में एक तस्वीर में नजर आईं, जहां अशोक सर्राफ (Ashok Saraf) मुख्य भूमिका में थे. नीली साड़ी, बड़ी लाल बिंदी और गोल्डन फ्रेम वाली यह तस्वीर दर्शकों के दिलों में बस गई.
'रजनी’ की लोकप्रियता (The popularity of 'Rajni' Show)
'रजनी' शो की लोकप्रियता इतनी थी कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने उन्हें और उनके परिवार को नई दिल्ली में अपने आवास पर नाश्ते के लिए आमंत्रित किया था. सिर्फ इतना ही नहीं उन्हें कांग्रेस पार्टी से उत्तर बॉम्बे वेस्ट निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिकट की पेशकश की, लेकिन अनुभवी अभिनेता और कांग्रेस नेता सुनील दत्त (Sunil Dutt) के मैदान में होने के कारण उन्होंने इसे ठुकरा दिया.
प्रिया तेंदुलकर ने जब बड़े पर्दे पर रखा कदम (Priya Tendulkar steps into the big screen)
1970-80 के दशक में उन्होंने बड़े पर्दे पर कदम रखा. श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) की फिल्म 'अंकुर' (Ankur) में वे शबाना आजमी (Shabana Azmi) के साथ नजर आईं, जहां उनकी छोटी सी भूमिका ने भी दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी. इसके बाद उन्हें मराठी, हिंदी, कन्नड़ और गुजराती फिल्मों के प्रस्ताव मिलने लगे. सुभाष घई (Subhash Ghai) की फिल्म 'त्रिमूर्ति' (Trimurti) में उन्होंने अनिल कपूर (Anil Kapoor), जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff) और शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की मां का किरदार निभाया. इसके बाद उन्होंने अपने पिता विजय तेंदुलकर के साथ मिलकर उन्होंने टेलीविजन पर पहला रियलिटी शो 'प्रिया तेंदुलकर शो' (Priya Tendulkar Show) शुरू किया, जो तुरंत हिट हो गया. इसके अलावा उन्होंने अन्य रियलिटी शो भी लिखे, निर्देशित और एंकर किए.
कुशल लेखिका है प्रिया तेंदुलकर (Priya Tendulkar is a writer)
अभिनय के अलावा प्रिया तेंदुलकर (Priya Tendulkar) एक कुशल लेखिका भी थीं. उन्होंने मराठी में लघु कथाएं लिखनी शुरू कीं और समाचार पत्रों में योगदान दिया. उनकी लेखन प्रतिभा इतनी सराही गई कि उन्होंने लगातार तीन बार महाराष्ट्र सरकार से सर्वश्रेष्ठ लेखक का पुरस्कार जीता.
प्रिया तेंदुलकर का निजी जीवन (Priya Tendulkar's personal life)
निजी जीवन में प्रिया को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. 'रजनी' शो में उनके पति का किरदार निभाने वाले करण राजदान (Karan Razdan) से उन्हें प्यार हुआ और शादी की, लेकिन जल्द ही रिश्ते में दरार आ गई. वे कोई संतान नहीं होने के कारण खुद को "बांझ" कहती थीं. उनके शुरुआती चालीसवें वर्ष में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला, लेकिन वे जीना चाहती थीं क्योंकि उनका परिवार उन पर निर्भर था. उनके मजबूत पिता विजय तेंदुलकर (Vijay Tendulkar) पार्किंसन रोग से पीड़ित थे, मां को भूलने की बीमारी थी और वर्षों से बिस्तर पर थीं. उनके भाई राजू (Raju), जो एक छायाकार थे, और बहन सुषमा (Sushma) की शराब से संबंधित कारणों से मौत हो गई. अंत में उनके माता-पिता की भी मौत हो गई. इन दुखों के बीच प्रिया तेंदुलकर का निधन 19 सितंबर, 2002 को मुंबई में हुआ. वे महज 47 वर्ष की थीं.
प्रिया तेंदुलकर एक अभिनेत्री, लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और नाटककार के रूप में हमेशा याद की जाएंगी. उनकी जिंदगी संघर्षों से भरी थी, लेकिन फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी. ‘मायापुरी’ परिवार की ओर से प्रिया तेंदुलकर को भावभीनी श्रद्धांजलि. उनकी स्मृति हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी.
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