-अली पीटर जॉन
याद आ रही है वो सुबह आज से 50 साल पहले जब तुम और तुम्हारे छोटे भाई बंटी (अजिताभ) 5 माला चढ़कर अब्बास साहब को मिलने आए थे और तुम्हे अब्बास साहब की फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी‘ में एक किरदार निभाने की आशा थी और ऐसे दो दिनो तक मिलने के बाद तुमको वो रोल मिल गया था जिसके लिए तुम्हें चालीस दिन गोवा में एक डोरमेट्री में रहना था और तुम्हारा मेहनताना सिर्फ 5 हजार रुपए था और फिर भी तुमने बड़े शौक से कोलकाता की शानदार नौकरी छोड़कर इस फिल्म में अपना भविष्य दाव पर लगाने की हिम्मत की। उसके बाद कभी हार हुई कभी जीत हुई, कभी तुम मौत के मुंह में धकेले गए और बच गए और फिर सुपरस्टार बन गए, बिग बी बन गए और स्टार ऑफ द मिलेनियम भी बन गए...
वक्त चलता गया...तुम 50 के हुए, तुम 60 के हुए, तुम 75 के हुए, जमाना बदलता रहा, लोग बदलते रहे, तख्त पलटते रहे, लेकिन तुम अटल रहे, तुमको ना वक्त का , ना वक्त के खेलों का कोई फर्क पड़ा। तुम फिर भी अमिताभ ही थे।
और 60 से अधिक सालों के बाद तुम अपने बनाए हुए तख्त पर विराजमान हो। तुम अब 79 के हो गए हो और कुछ ही महीनों में 80 के भी हो जाओगे, लेकिन तुम पहले से भी ज्यादा काम कर रहे हो। मुझे खुद इस इंडस्ट्री में 52 साल हो गए है, लेकिन मैंने आज तक तुम्हारे उम्र के किसी इंसान को दिन में 18 घंटे काम करते हुए नहीं देखा। तुम आज भी उतने ही जोशीले और फुर्तीले हो जितने तुम ‘जंजीर‘, ‘दीवार‘ और ‘मुकद्दर का सिकंदर‘‘ के वक्त थे।
ऐसा नहीं है कि तुमको उम्र के साथ जुड़ी हुए बीमारियां नहीं हैं, और ऐसे भी कि तुम्हारे कुछ पुरानी बीमारियां कभी कभी अपनी रंग दिखाती हैं, लेकिन तुम्हारे संकल्प को शायद मुझे कोई दूसरा नाम देना पड़े। तुम आज भी ‘जलसा‘ से सुबह 7 बजे निकलते हो और रात को 11 बजे घर पहुंचते हो और फिर सुबह 5ः30 बजे जिम पहुंचते हो। और तुमको कोविड होने के बाद भी तुम पहले आदमी थे इंडस्ट्री में जिसने काम करने की चहल पहल शुरू की थी। इन सब बातों का हम जैसे लोग क्या समझें ?
अभी कल ही तो मैंने देखा था की तुम आज के सबसे व्यस्त स्टार हो, लेकिन सुबह ही मुझे खबर मिली की जो मैंने एक हफ्ते पहले लिखा था उसमें कुछ बदलाव आया है। ऐसे सुनने में नहीं, ऐसा पक्का है की तुम प्रभास की फिल्म, ‘प्रोजेक्ट के‘ में प्रमुख भूमिका निभा रहे हो। जो बड़े कैनवस पर बन रही है और जाहिर है की बड़े बजट पर भी बन रही है। और प्रभास से ही जुड़ी हुई खबर ये है कि उनके सबसे बड़ी फिल्म ‘राधे श्याम‘ जिसमें तुम अपनी आवाज दे रहे हो, वही आवाज जिस पर आज दुनिया मरती है और किसी जमाने में ‘ऑल इंडिया रेडियो‘ ने ठुकरा दिया था।
वैसे अगर तुम भागम भाग में भूल गए हो तो याद दिला दूं की तुम अजय देवगन की फिल्म कर रहे हो, एकता कपूर की फिल्म कर रहे हो, एक फिल्म है ‘झुंड‘ वो कर रहे हो और सूरज बड़जात्या की फिल्म ‘ऊंचाईयां‘ भी कर रहे हो, और इसके अलावा ‘‘केबीसी‘‘ तो कर ही रहे हो....
आपको कमाल करने के लिए ही तो बनाया है ऊपर वाले ने, करते रहो कमाल लेकिन थोड़ी सा अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल करो क्योंकि तुम धीरे-धीरे इंसान से हीरा बनते जा रहे हो।
तुम्हारा दोस्त