मैं मानता हूँ कि, विवाह की संस्था को ईश्वर या जो भी ये रिश्ते बनाता है, उसके द्वारा बनाई गई सबसे डरावनी संस्थाओं में से एक है। इस रिश्ते के रास्ते में विशेष कर तथाकथित उच्च वर्ग के समाजों और फिल्म उद्योग (जिसे मैंने अपने जीवन के पचास सर्वश्रेष्ठ वर्षों को दिया) में समय≤ गंभीर बाधाएँ आती रही हैं...
आमिर और किरण के बारे में बातचीत, अफवाहें और गपशप दुनिया को यह बताने के बाद कि वे एक-दूसरे से कितना प्यार करते थे, जब आमिर ‘लगान‘ बना रहे थे और किरण निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की एक युवा और उत्साही सहायक थीं। उस समय उन्होंने कहा कि, यह दोस्ती थी जो प्यार में बदल गई और उसके कुछ समय बाद दोनों ने आमिर के फार्म हाउस पर एक निजी समारोह में शादी कर ली और जिस रस्म के अनुसार उन्होंने शादी की, उन्होंने उन्हें अपने-अपने धर्म का पालन करने की अनुमति दी।
आमिर ने इस्लाम का पालन किया और किरण ने हिंदू धर्म का पालन किया, लेकिन दोनों में से कोई भी किसी भी धर्म के कट्टर अनुयायी नहीं थे! उनका एक बेटा था जिसे उन्होंने आजाद जैसा आदर्शवादी नाम दिया और उनके चार साल के बेटे को अब आजाद राव खान के नाम से पुकारा जाता है तो नाम बहुत अनोखा लगता है, खासकर ऐसे समय में जब राम और रहीम से हर नाम धर्मनिरपेक्षता के बारे में चिल्ला रहा है।
लेकिन आजाद राव खान के भविष्य का क्या? मेरे पास भी अली पीटर जॉन जैसा एक जटिल नाम है, जो दो अलग-अलग धर्मों के माता-पिता से मिला था, लेकिन स्वतंत्र और धर्मनिरपेक्ष भारत में इकहत्तर वर्षों तक रहने के बाद, मैं यह स्वीकार कर सकता हूँ कि ऐसे नाम जिसके बारे में प्रबुद्ध लोग अंतहीन बहस कर सकते हैं, के कारण मुझे कई कठिनाइयों, अपमान को सहन करना पड़ा और इतना कि मेरा दिल टूट गया। बंबई में 93 के दंगों के दौरान एक बार मेरे नाम की वजह से मेरी लगभग पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी और मेरे नाम से मेरी परेशानी अभी खत्म नहीं हुई है....
आमिर और किरण के लिए यह कहना आसान है कि वे अलग-अलग रहेंगे और पति-पत्नी नहीं रहेंगे। उनके लिए यह कहना भी आसान है कि उनमें से एक (आमिर) आजाद की शिक्षा और पालन-पोषण का ख्याल रखेगा, लेकिन उन्हें पता होगा कि, जब जीवन की वास्तविकताओं की बात आती है तो यह कितना मुश्किल होता है! यह कहना भी आसान है कि वे उन सभी परियोजनाओं पर एक साथ काम करेंगे जिन पर वे पहले से काम कर रहे थे और यह कहना कि वे एक साथ फिल्में बनाना जारी रखेंगे! मैं इस तरह के रिश्ते को समझने की कोशिश कर रहा हूँ और दो रातों की नींद हराम करने के बाद भी मुझे कोई जवाब नहीं मिला। इस बीच, सोशल मीडिया ने बहस करने और अटकलें लगाने और पहले से अधिक शोर पैदा करने के लिए एक नई और रसदार कहानी ढूंढी है!
आमिर लद्दाख में अपनी नई फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग कर रहे हैं और उन्होंने वायरल हो रही कहानी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और किरण अपने बेटे आजाद के साथ अपने घर में रह रही है। यह कहानी कैसे आगे बढ़ेगी और कैसे खत्म होगी? यह एक अरब रुपये का सवाल है। आमिर के बारे में बात करते हुए, मुझे याद आता है और कई लोगों को याद आता है कि कैसे आमिर ने लगान के निर्माण के दौरान अपनी पहली पत्नी रीना दत्ता को तलाक दे दिया था और उन्हें अपने दो बच्चों इरा और जुनैद के साथ छोड़ दिया था। रीना और आमिर अभी भी ‘अच्छे दोस्त‘ हैं और अपने बच्चों द्वारा की गई प्रगति पर चर्चा करने के लिए अक्सर मिलते हैं और फिर वे दोनों अपने घर चले जाते हैं।
यह कैसा रिश्ता है? यह मेरा सवाल नहीं है, यह एक ऐसा सवाल है जो लाखों भारतीयों द्वारा और विशेष रूप से दुनिया भर में आमिर के प्रशंसकों द्वारा पूछा जा रहा है।
आमिर और किरण की घोषणा से पैदा हुई सनसनी ने मुझे प्रेमियों के शादी करने और फिर केवल उन कारणों से टूटने के बारे में हाल की और पिछली कहानियों को याद करने के लिए प्रेरित किया जो वे जानते हैं।
पहला अलगाव तब हुआ जब प्रसिद्ध फिल्म निर्माता चेतन आनंद, जिन्होंने अपनी अभिनेत्री-पत्नी उमा आनंद से शादी की थी, उन्होनें रचनात्मक मतभेदों के कारण उमा को छोड़ दिया था! यह 1953 में हुआ था जब देश में तलाक अधिनियम अभी भी लागू होना बाकी था।
ब्रेकअप की भी पहली कहानी मुझे याद है। जाने-माने फिल्म निर्माता सुल्तान अहमद, जिन्होंने अपनी पहली पत्नी, अभिनेत्री शम्मी को तलाक दिया, फिर एक दोस्त की पत्नी से शादी की और आखिरकार एक युवा महिला से शादी की, जिसे उन्होनें अपने बैनर तले फिल्में बनाने का मौका दिया था।
दूसरा प्रमुख ब्रेक अप विनोद खन्ना और उनकी पहली पत्नी, गीतांजलि का हुआ था। उस समय उनके दो बेटे अक्षय और राहुल थे। उसके बाद उन्होंने एक प्रमुख उद्योगपति की बेटी से शादी की और उनसे दो बेटियां हुईं। इसके बाद वे ओरेगन में अपने भगवान रजनीश के शरण चले गए और तब भी जीवन उनके लिए आसान नहीं था। उन्हें कैंसर हो गया और अंततः उन्होनें कैंसर से उन्होनें अपनी जान गवां दी।
दूसरे ‘ब्रेक अप स्पेशलिस्ट‘ महेश भट्ट थे! उनकी पहली शादी किरण से हुई थी जो पूजा भट्ट और राहुल भट्ट की माँ थीं! महेश को अपनी फिल्म ‘सारांश‘ की अभिनेत्री सोनी राजदान से प्यार हो गया और वे दोनों शादी करने के लिए इस्लाम में परिवर्तित हो गए। आलिया भट्ट और मुस्कान उनकी दो बेटियां हैं।
सबसे चैंकाने वाला ब्रेकअप ऋतिक रोशन और सुजैन के बीच हुआ जो बचपन के प्रेमी थे। उन्हें मुंबई के एक फैमिली कोर्ट में कड़वी लड़ाई लड़नी पड़ी और कोर्ट ने उन्हें शादी के चैदह साल बाद तलाक दे दिया और कोर्ट ने कहा कि उनके बेटे हिरदान और हरेन अपने माता-पिता में से किसी के साथ भी रह सकते हैं। यह देखना बहुत ही रोमांचक था कि कैसे ऋतिक और सुजैन अपने बेटों के हित में लॉकडाउन की पहली लहर के दौरान फिर से एक साथ आए।
प्रसिद्ध निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा का दिलचस्प मामला है जिन्होंने पहली बार अपनी संपादक रेणु सलूजा से शादी की और जब रेणु की मृत्यु हुई, तो उन्होंने शबनम सुखदेव नामक एक युवा फिल्म निर्माता से शादी की, यह शादी टूट गई और विधु ने अनुपमा नामक एक युवा पत्रकार से शादी कर ली। विधु अब अनुपमा के साथ रहते हैं। और कभी-कभी विधु को चिल्लाते हुए या अपनी सभी पत्नियों के साथ किसी पार्टी में देखना बहुत दिलचस्प होता है।
कुछ महीने पहले अर्जुन रामपाल चर्चा में थे। उन्होंने एक लोकप्रिय मॉडल मेहर जेसिया से शादी की थी। उनकी दो बेटियाँ थीं, जीवन तब तक अच्छा लग रहा था जब तक अर्जुन को एक दक्षिण अफ्रीकी पत्रकार से प्रेम नहीं हुआ और मेहर के साथ उनकी शादी किनारों पर है।
अरबाज खान ने विवादों में रहने वाली एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा से शादी की थी। मलाइका ने जब अर्जुन कपूर, जो उनसे कई साल छोटा था के साथ लिव इन रिलेशनशिप शुरू किया तो वे विवादों से घिर गईं। प्रेम अभी भी मजबूत है, लेकिन कल क्या होगा कोई क्या जाने?
ब्रेक अप की बहुत लोकप्रिय कहानी है? तो वह सैफ अली खान और अमृता सिंह के बीच की कहानी है। उनके दो बच्चे हुए, सारा अली खान और इब्राहिम अली खान। लेकिन छोटे नवाब ने खूबसूरत करीना कपूर से शादी करने के लिए सब कुछ छोड़ दिया जो अब पटौदी की बेगम हैं। वह अब तैमूर अली खान के पिता हैं जिन्हें मीडिया ने चलना सीखने से पहले ही स्टार बना दिया है। सैफ और करीना का अब एक दूसरा बच्चा भी है, लेकिन करीना आज भी मोस्ट वांटेड, लोकप्रिय और हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस में से एक हैं।
सूची और आगे बढ़ सकती है क्योंकि क्या कहा जा सकता है जब शादी जैसे रिश्ते को दुर्भाग्य से पुरुषों और महिलाओं द्वारा एक बुरा नाम दिया जा रहा है जिनके पास न तो समय है और न ही शादी की पवित्रता के बारे में जानने का झुकाव है।
क्या हम अपने परम्परा, संस्कार और मूल्यों को भूल गए हैं? अमेरिका और यूके जैसे देशों में इस तरह के ब्रेक अप बहुत आम हैं लेकिन क्या उन्हें भारत में जीवन का एक तरीका बनना चाहिए, जिसका इतिहास लाखों साल पुराना है।
मैं इस लेख को एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दे पर समाप्त कर रहा हूँ, मैं डॉ के. एम. मुंशी के बारे में एक कहानी साझा करने के लिए उत्सुक हूँ। जो भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वालों में से एक थे और इस भवन के संस्थापक जिसका उत्पाद मैं हूँ। वह अपनी पत्नी श्रीमती लीलावती मुंशी के साथ न्यू वाई में एक दीक्षांत समारोह में गए थे।
दर्शकों ने डॉ. मुंशी से पूछा कि श्रीमती मुंशी से उनकी शादी को कितना समय हुआ और डॉ. मुंशी ने यह कहने में एक पल भी नहीं लगाया कि उनकी शादी को 65 साल हो चुके हैं और सारे श्रोता उठ खड़े हुए और पूछा ‘‘डॉ.मुंशी‘‘, 65 साल और उसी औरत से!
एक वो जमाना था जब शादी पुजा जैसी होती थी, आज यह जमाना है जब आज शादी होते ही अगले ही दिन दोनों में झगड़ा हो जाता है और शादी की ऐसी की तैसी हो जाती है। क्या यह वह भारत है जहाँ हम आगे बढ़ते भी जा रहें हैं और पीछे भी जा रहें हैं? फिर भी दिल है हिंदुस्तानी।