मेरी तुम्हारे लिए मोहब्बत खुदा भी छीन नहीं सकता, कोशिश करके देख ले- अली पीटर जॉन By Mayapuri 26 Oct 2021 in अली पीटर जॉन New Update Follow Us शेयर वो सारे घर गिर गए जिसमें तुम और हम कभी रहते थे और अपना घर बनाने का सपना देखा करते थे। वो छोटे-छोटे पहाड़, वो छोटे-छोटे पूल, वो बड़े-बड़े पेड़ और उन पर छोटे-छोटे खूबसूरत फूल को इंसानों ने अपनी-अपनी खुशी के खातिर खत्म कर दिये। वो गिरजा घर जिसके इर्द-गिर्द हम दुआ मांगते थे, लेकिन दिन में सपने ज्यादा देखा करते थे, वो सारे गिरजा घर को गिराया गया आधुनिक दुआ मांगने के महलों के लिए। वो सारा का सारा माहौल और मौसम ही बदल गया या बदला गया इंसानों के लालची हाथों से और पत्थरों के दिलों से वो मेरा और तुम्हारा छोटा-सा प्यार-सा और न्यारा-सा गांव पत्थरों, रेत और मिट्टी में खोवी हुई एक उड़ता हुआ पत्ता है पिछले जमाने का जो आज के बेदर्द जमाने में सहारा खोज रहा है सिर्फ तुम्हारी और मेरी होने की खुशबू आज भी हवाओं से और फिजाओं से लड़ कर जिंदा है और लगता है जिंदा रहेंगे। और जब मैं तुम्हारे और मेरे मरते हुए गांव से आंसू बहाते हुए निकलता हूँ, तुम्हारा घर जहां था, वहां से एक अकेला गुलमोहर का पेड़ मुझे बुलाता है और कहता है “मैं सिर्फ तुम्हारी मोहब्बत की कहानी सुनाने के लिए जी रहा हूं। मैंने तुम जैसा दीवाना मोहब्बत करने वाला कभी देखा नहीं और तुम्हारी मोहब्बत का अंजाम देखे बिना मैं इस दुनिया से जाऊंगा नहीं” दिल टूट जाता है तुम्हारे और हमारे गांव में, लेकिन उस गुलमोहर के पेड़ ने मुझे बुलाया है मेरे मोहब्बत का जश्न मनाने के लिए मई (डंल) के महीने में मैं क्या करूं, जाऊं या ना जाऊं, पहले तो हर बात मैं तुमसे पूछकर करता था, अब किस से पूछकर करूं, ऐ मेरी जिंदगी और जान और शायद मेरा खूबसूरत अंत। #ali peter john हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article