रेखाजी, तुम्हारा क्या कहें? आप तो अपने ईश्वर के अजीब रंगांे से रंगी हुई एक गजब की होली की जश्न हो माशाअल्लाह!... By Mayapuri Desk 18 Mar 2022 in अली पीटर जॉन New Update Follow Us शेयर '- अली पीटर जाॅन जाने वो कैसे अजीब और जरूर गरीब मिजाज के लोग होंगे जिन्होंने तुम्हें काली क्लूटी कहा था जब तुम पहली बार मुंबई आई थी? जाने वो कितने बदतमीज इंसान होंगे जो आपकी तौहीन करने में मजे लेते थे बिना ये जाने की तुम उस ऊपरवाले की बनायी गई खास तोहफा है जमीन वालों के लिए। जाने वो कैसे लोग थे जिन्हें तुम्हारा मजाक उड़ाने से अपना-अपना फायदा होता था। और फिर जाने कैसे तुमने उन सारे लोगों पर अपना जादू चला दिया अपना हर रंग बदल कर। तुम्हारी आंखें वो आंखें नहीं रही जिनसे तुम दुनिया को देखा करती थी, तुम्हारी आंखें जिनको देखती थी वो धन्य हो जाती थी और ज्यादा खूबसूरत लगने लगती थी। तुम्हारी जुल्फों में छुपे हुए थे वो सारे राज जो खुद खुदा ने दुनिया से छुपाए रखे थे तुम्हारे जुल्फों में वो गजरे के फूल तुम्हारे गुण गाते रहते हैं रात और दिन, और ना जाने रात में तुम्हारे बारे में क्या-क्या बातें करते हैं और तुम्हारा हुस्न और हसीन हो जाता है जब वह वो तुम्हारे नाम का जिक्र भी करते हैं। तुम्हारे माथे का सिंदूर और उसका रंग आज भी दुनिया को परेशान कर रहा है और दुनिया पूछ रही है कि आखिर ये सिंदूर तुम्हारे माथे पर किसने लगाया है। तुम्हारे सपने तो किसी ने आज तक तो देखे नहीं होंगे, लेकिन मुझे यकीन है कि जिस दिन तुम्हारे सपने और तुम्हारे आँसूंओं की एक बूंद भी दुनिया पर गिरेगी। उस दिन तुम्हारे खुदा, तुम्हारी कायनात और तुम्हारी कुदरत सबका रंग बदल जाएगा और सब कुछ, प्यार, मोहब्बत, इश्क और जीना और मरना भी बदल जाएगा, सारे रंग बदल जाएंगे, सिर्फ एक रंग रह जायेगा, तुम्हारा रंग, रेखा का रंग, सिर्फ और सिर्फ रेखा का रंग, होली भी मनाई जायेगी तो रेखा के नाम से मनाई जायेगी, क्योंकि रेखा ही होली है और होली सिर्फ रेखा है। #rekha ji हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article