झगड़ा उत्तर और दक्षिण के स्टारडम का नही है, झगड़ा है फैलाव का. बॉलीवुड फिल्में अखिल भारतीय स्तर पर प्रदर्शित होती हैं जबकि साउथ की फिल्में एक दायरे में सिमट कर ही प्रदर्शन पाती रही हैं. यह कसक दक्षिण के सितारों के मन मे बहुत पहले से है.लेकिन इधर कुछ सालों में एक बदलाव आया है.दक्षिण के स्टारों की फिल्में पैन इंडिया का दर्जा पाने में कामयाब हुई हैं. 'पुष्पा2' और 'RRR' फिल्मों ने पूरे देश मे कामयाबी पाया है इससे पूरा टॉलीवुड खुशी से निहाल हुआ है. साउथ अब पूरे देश की टेरिटरी पर राज करना चाहता है और यह तभी पॉसिबल है जब उनके सितारे मुम्बईया सितारों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ें. इधर कुछ वर्षों में यह प्रयोग कारगर भी होता दिख रहा है. बॉलीवुड फिल्म शाहरुख खान की 'जवान' हो जिसमें दक्षिण के स्टार (नयन तारा, विजय सेतुपति, योगी, प्रियमनी) थे या फिर दक्षिण के राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' (जिसमे बॉलीवुड के स्टार अजय देवगन , आलिया भट्ट थे), प्रयोग कामयाब रहा. दोनो ही फिल्में पूरे देश और विदेशों में भी पसंद की गई हैं. अब एक कदम आगे बढ़कर... दक्षिण के सुपर सितारा रजनीकांत को पूरे भारत का सुप्रीम सितारा घोषित करने के लिए 'थलाइवा 170' बनाई जा रही है जिसमें बॉलीवुड के सुपर सितारे अमिताभ बच्चन को शामिल किया जाना महज एक संयोग नहीं, सोची समझी योजना है.
सोचिए 33 साल पहले मुकुल आनंद की फिल्म 'हम' (1991) में अमिताभ बच्चन के साथ रजनीकांत ने काम किया था. 'हम' तीन भाइयों की कहानी थी जिसमे छोटे भाई गोविंदा थे. रजनी उनदिनों बॉलीवुड में काम पाने की कोशिश में थे और 'हम' में वह मझले भाई (कुमार) की भूमिका में थे. रजनीकांत और कमल हासन दोनो उनदिनों बॉलीवुड में कुछ फिल्में करके वापस साउथ चले गए थे. रजनीकांत साउथ के करिश्माई सितारे हैं यह बताने की जरूरत नहीं.जिनकी पिछली फिल्म 'जेलर' ने रेकॉर्ड बनाने वाला बिजनेस दिया है.यह बात ध्यान देने की है कि रजनी की फिल्म पूरे भारत मे लगाए जाने के वावजूद उत्तर भारत मे कमजोर रही है. अब रजनीकांत को एक ऐसी फिल्म की जरूरत है जो पूरे भारत मे साउथ की तर्ज पर सिनेमाघरों के बाहर उनके बड़े बड़े कट आउट लगवाए.
बात रजनीकांत की है इसलिए पॉपुलोरिटी की प्रतियोगिता में कोई सामने खड़ा होता है तो वो अमिताभ बच्चन ही हैं. रजनी 72 साल के हैं, दक्षिण भारत मे सिनेमा के भगवान हैं, उनका कोई शानी नही है. लेकिन पूरे भारत में तूफान होता है तो अमिताभ बच्चन के नाम का. रजनी की नई फिल्म है 'थलाइवा 170'. "थलाइवा" का मतलब है महान, श्रेष्ठतम. फिल्म में थलाइवर रजनीकांत हैं न कि अमिताभ. यह रजनीकांत की 170 वीं फ़िल्म है. जाहिर है 'जेलर' की कामयाबी के बाद अपने थलाइवा संबोधन को सार्थक रूप देने के लिए रजनी फिल्म में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं.इस फ़िल्म में चुनचुन कर कलाकारों का चुनाव किया गया है.मार्च में फिल्म का अनाउंसमेंट किया गया था और शूटिंग शुरू हुई है ऑक्टोबर में. रजनी और अमिताभ का मिलन अब जाकर 33 सालों बाद शूटिंग सेट पर हुआ है.दोनों सितारे एक दूसरे के सम्मान में कसीदे पढ़े हैं. रजनी ने 'X' अकाउंट पर बिग बी को अपना मेंटर कहा है और बच्चन ने अपने पर्सनल ब्लॉग पर रजनी के लिए 'सर' लिखा है.
'थालाइवा 170' के निर्देशक हैं टी. जे. ज्ञानवेल जो साउथ की एक बेहद कामयाब फिल्म 'जयभीम' का निर्देशन कर चुके हैं.फिल्म लाइका द्वारा बनाई जा रही है.इस फिल्म में रजनीकांत और अमिताभ बच्चन के अलावा 'पुष्पा' फेम फहद फासिल, राणा दुग्बत्ति, विजयन, रितिका सिंह, मंजू वारियर जैसे कलाकार हैं. फिल्म में रजनीकांत की भूमिका थलाइवा की है. अमिताभ बच्चन की भूमिका जैसा कि उनके कॉस्च्यूम से लगता है, अतरंगी किस्म की है.जाहिर है बच्चन की भूमिका 'थलाइवा' में कथात्मक सम्बन्धों की ही है. फिल्म में उत्तर और दक्षिण के दोनों सुपर सितारे कैमरे के सामने हैं. 33 साल बाद रजनी और बिग बी एक दूसरे की तारीफें करते कैमरे के सामने हैं.रजनी ने कहा है 'थालाइवा 170' में वह अपने मार्गदर्शक अमिताभ बच्चन के साथ काम कर रहे हैं, उनका दिल खुशी से धड़क रहा है.
हालांकि जानने वाले कहते हैं कि अब जब 81 साल के अमिताभ दूसरे सितारों के साथ सपोर्टिंग भूमिकाओं में आना शुरू कर दिए हैं, तभी रजनीकांत को उनकी याद क्यों आयी? इससे पहले 33 सालों में उनको अपने मेंटर की याद क्यों नहीं आयी क्योंकि तब रजनीकांत से अपने से बड़ी भूमिका अमिताभ को देनी पड़ती.जाहिर है इतने वर्षों बाद साउथ के थलाइवा को ऊंचाई देने के लिए अमिताभ बच्चन सीढ़ी की तरह इस्तेमाल हो रहे हैं !!