राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर Anupam Kher ने दिया बड़ा बयान! By Chhavi Sharma 14 Jul 2022 | एडिट 14 Jul 2022 06:59 IST in बॉलीवुड अपडेट्स New Update ‘द कश्मीर फाइल्स’ एक्टर अनुपम खेर ने इन दिनों राष्ट्रीय प्रतीक पर चल रहे विवाद पर अपने विचार प्रशंसकों के साथ साझा किये हैं और नए National Emblem का समर्थन भी किया है. अनुपम ने नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक (National Emblem) के रिप्रजेंटेशन पर चल रहे विवाद पर अपना रिएक्शन दिया है. उन्होंने इस विवाद पर अपने ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की है, और इसकी कैप्शन में लिखा है, “अरे भाई! शेर के दांत होंगे तो दिखाएगा ही! आख़िरकार स्वतंत्र भारत का शेर है। ज़रूरत पड़ी तो काट भी सकता है! जय हिंद!” इस पोस्ट के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री संग्रहालय में शूट किया गया एक वीडियो इस कैप्शन के साथ शेयर किया है. अरे भाई! शेर के दांत होंगे तो दिखाएगा ही! आख़िरकार स्वतंत्र भारत का शेर है। ज़रूरत पड़ी तो काट भी सकता है! जय हिंद! 🙏🇮🇳🙏 Video shot at #PrimeMinistersSangrahlaya pic.twitter.com/cMqM326P2C— Anupam Kher (@AnupamPKher) July 13, 2022 आपको बता दें कि अनुपम खेर से पहले उनकी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने भी इस नए प्रतीक के समर्थन में ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था, "सेंट्रलविस्टा पर नए #NationalEmblem ने एक बात साबित कर दी है कि सिर्फ एंगल बदलकर #UrbanNaxals को बेवकूफ बनाया जा सकता है. खास तोर पर एक लो एंगल से. अर्बन नक्सलियों को बिना दांतों वाला एक खामोश शेर चाहिए. ताकि वे इसे पालतू जानवर के रूप में इस्तेमाल कर सकें". The new #NationalEmblem at the #CentralVista has proved one thing that #UrbanNaxals can be fooled just by changing the angle. Specially the LOW angle. pic.twitter.com/3ESuZ7uIuN— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) July 12, 2022 सोशल मीडिया पर कई लोगों का ऐसा मानना है कि नए प्रतीक (new emblem) में शेरों के नुकीले दांत दिखाए गए हैं और यह भी कहा जा रहा है कि यह शेर असली शेरों की तुलना में कहीं ज्यादा एग्रेसिव नज़र आ रहे हैं. हालांकि, इस emblem को डिजाइन करने वाले आर्टिस्ट सुनील डोरे (Sunil Deore) और रोमियल मोसेस (Romiel Moses) ने कहा था कि इसके ओरिजिनल डिजाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सुनील डोरे ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यदि नीचे से सारनाथ वाले ‘लायन कैपिटल’ को देखा जाए, तो यह वैसा ही दिखेगा जैसा कि संसद का प्रतीक है. अगर कोई अंतर लग रहा है तो वो देखने के एंगल में फर्क की वजह से हो सकता है. Sense of proportion & perspective.Beauty is famously regarded as lying in the eyes of the beholder. So is the case with calm & anger. The original #Sarnath #Emblem is 1.6 mtr high whereas the emblem on the top of the #NewParliamentBuilding is huge at 6.5 mtrs height. pic.twitter.com/JsAEUSrjtR— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) July 12, 2022 केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इस मामले पर ट्वीट कर जवाब देते हुए कहा कि, “यदि ओरिजिनल की एक सटीक प्रतिरूप (exact replica) को नई बिल्डिंग पर रखा जाना था, तो यह परिधीय रेल (peripheral rail) से परे बड़ी मुश्किल से दिखाई देगा. 'एक्सपर्ट्स' को यह भी पता होना चाहिए कि सारनाथ में रखी गई ओरिजिनल प्रतिमा जमीनी स्तर (ग्राउंड लेवल) पर है जबकि नया प्रतीक जमीन से 33 मीटर की ऊंचाई पर है”. If an exact replica of the original were to be placed on the new building, it would barely be visible beyond the peripheral rail. The 'experts' should also know that the original placed in Sarnath is at ground level while the new emblem is at a height of 33 mtrs from ground. pic.twitter.com/JLxMMMAq80— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) July 12, 2022 हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article