खूबसूरत ब्लैक स्लिट ड्रेस में दिशा पाटनी कयामत ढा रही थी. वो डेयरिंग है, खूबसूरत हैं, एनर्जी से लबालब भरी है और आज की सबसे इन डिमांड एक्ट्रेस है. समय-समय पर दर्शकों ने दिशा को कई तरह के चरित्रों में देखा है और उनके द्वारा दी गई कई पोस्ट्स और हॉट फोटोज ने तो दिशा को एक दीवा का नाम ही दे डाला. इन दिनों दिशा अपनी अप कमिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर काफी एक्साइटेड है. पैन इंडिया स्टार प्रभास के साथ उनकी फिल्म ‘प्रोजेक्ट के बेशक आज की बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित फिल्म है जिनके निर्देशक हैं नाग अश्विन, जिनकी हाल की नेटफ्लिक्स अंथोलॉजी फिल्म ‘पित्ता कथालु’, और प्रोडक्शनल वेंचर ‘जाथि रत्नालु’, ने हंगामा किया था. इसके अलावा 2014 हिट ‘एक विलेन रिटर्न्स’ की भी काफी चर्चा हो रही है और सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ ‘योद्धा’ तथा राज शांडिल्य कृत ‘के टीना’. दिशा की ड्रेस सेंस, खूबसूरती और मेकअप को लेकर जब तारीफ की गई तो वो बोली, ‘मैं तो अक्सर कैजुएल्स में रहना पसंद करती हूं, शॉर्ट्स, टी, में कंफर्टेबल हूँ. बिना मेकअप के रहना पसन्द है लेकिन स्पेशल ओकेशन्स के लिए मेरे मेकअप पर्सन, ड्रेस स्टाइलिस्ट, हेअर स्टाइलिस्ट मुझे सँवार देतें है और मैं उनका शुक्रगुजार हूँ मुझे इतनी खूबसूरती से तैयार करने के लिए.
जब उनसे पूछा गया कि क्या फिल्म मेकर्स के लिए भी दिशा एक ‘दीवा’ है? इसपर उनका जवाब था, ‘फिल्म मेकर्स से ज्यादा, दर्शकों ने मुझे दीवा करार किया है जिसके लिए मैं आभारी हूं. मैंने फिल्म ‘मलंग’ और ‘राधे योर मोस्ट वांटेड भाई’ में वाकई ग्लैमरस भूमिकाएं की है, ये दर्शकों की एक सोच है, जिसके लिए मैं ग्रेटफुल हूँ कि यह मेरी एक तरह की पहचान है. किसी खासियत के लिए जाने जाना बड़ी बात है, इसमें बुराई कुछ भी नहीं है. लेकिन यह अनुभूति दर्शकों और मेरे फैंस की है. फिल्म मेकर्स को हमारा अलग अलग तरह के काम ही पसंद है. उनके अनुसार कलाकार अगर अपने सेफ जोन से बाहर निकल कर कुछ अलग करे तो वो ज्यादा अच्छा है. अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स को लेकर दिशा कहती हैं कि उनकी आने वाली फिल्में उनके व्यक्तित्व के नए और अछूते पहलुओं को उजागर करेगी. ‘एक विलेन रिटर्न्स’ में पहली बार दिशा ग्रे कैरेक्टर में दिखेगी जिसमें वो एक मराठी स्त्री की भूमिका निभा रही है जो सोचती है लालच बुरी बला नहीं है. दिशा कहती हैं, ‘इस फिल्म में मेरा चरित्र लालची है, जिसे जीवन में बहुत कुछ चाहिए होता है जिसे पाने के लिए वो कुछ भी करने को तैयार है. वो मर्दों को औजारों की तरह इस्तेमाल करके अपना मकसद पूरा करती है. निर्देशक मोहित सूरी की कल्पना और विजन के अनुरूप मैंने उनके निर्देशन का पालन किया. मुझे मराठी लहजे पर प्रैक्टिस करना पड़ा, चरित्र की रूपरेखा उसके अनुसार ढलना पड़ा जो काफी चुनौतीपूर्ण था लेकिन मुझे बहुत आनन्द आया.