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Rekha ने 13 साल की उम्र से ही उठाई मां के सपनों की जिम्मेदारी

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By Preeti Shukla
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Rekha ने 13 साल की उम्र से ही उठाई मां के सपनों की जिम्मेदारी

Bollywood Actress Rekha: सिलसिला से लोगो के दिलों पर राज करने वाली रेखा(rekha) तो आपको याद होंगी है न? शायद उन्हें कभी भूला भी नहीं जा सकता है. रेखा ने अपने ज़माने में सबसे ज्यादा फिल्में किया था.रेखा उस समय हिंदी सिनेमा की सुपरस्टार थी. रेखा हिंदी फिल्मों में आने से पहले तेलुगु फिल्मो में काम कर रही थी. 'रंगुला रत्नम' उनकी पहली फिल्म थी. हिंदी फिल्मो में वह बाद में आई.'सावन भादों' उनकी पहली हिंदी फिल्म थी. 

परदे पर भले ही रेखा को हमेशा मुस्कुराते हुए देखा जाता है लेकिन उनकी असल ज़िन्दगी काफी मुश्किलों भरी रही है. आइये जानते उनकी ज़िन्दगी से जुड़े कुछ अनसुने तथ्य- 

माँ को थी जुए की लत 

रेखा के सुपरस्टार बनने के बाद मशहूर लेखक 'यासीन उस्मान (yasin osman)' ने उनकी जिंदगी से संबंधित एक किताब लिखा था. जिसका नाम है 'रेखा कैसी पहेली जिंदागानी'. उस किताब में यासीन उस्मान ने लिखा है कि.रेखा के पिता जेमिनी गणेशन ने उनकी माँ  पुष्पावली को छोड़ दिया था.पुष्पावली उस सदमे को सच नहीं मान पा रही थी. जिसके वाद पुष्पावली को नशे की लत हो गई.धीरे-धीरे उन्होंने जुआ भी खेलना शुरू कर दिया था. सारे पैसे उनके अब अय्याशी में ख़तम होने लगे. एक समय ऐसा आया था जब पुष्पावली को कर्ज लेना पड़ा था.

रेखा ने किया था सुसाईड की कोशिश

रिपोर्ट्स की अगर मानें तो रेखा की माँ पुष्पवाली को जब उनके पिता की दूसरी शादी के बारे में पता चला था. उसके बाद वह काफी बाहर रहने लगी थी. रेखा उस समय स्कूल जाया करती थी. रेखा का पढाई में मन नहीं लगता था. नतीजन वह स्कूल में फेल हो गई थी. जिसके बाद वह डिप्रेशन में चली गई और उन्होंने सुसाइड करने की कोशिश की.1968 में उन्होंने सुसाइड से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा. हॉस्पिटल में जब उन्हें होश आया तो उनकी माँ ने उनसे तीन वादे लिए. पहला वादा था उनको ठीक से पढाई करना होगा, दूसरा उन्हें शादी का फैसला लेना होगा, और तीसरा उन्हें एक्ट्रेस बनना होगा.

कैसे मिली थी पहली फिल्म

बीबीसी के साथ इंटरव्यू में रेखा बताती हैं कि बॉलीवुड में दो डायरेक्टर्स कुलजीत पाल और शत्रुजीत को एक साउथ इंडियन एक्ट्रेस की जरुरत थी. दोनों इसके लिए मद्रास गए थे. वहां एक डायरेक्टर ने उन्हें बताया कि वह एक साउथ इंडियन एक्ट्रेस को जानते हैं. जो थोडा बहुत हिंदी बोल लेती है. उसके बाद दोनों डायरेक्टर्स रेखा की माँ से मिले. उसके बाद रेखा की माँ पुष्नेपवाली ने  डायरेक्टर के सामने रेखा को मिलवाया. उन्होंने रेखा से पुछा कि "क्या आप एक्ट्रेस बनना चाहेंगी" रेखा ने उन्हें साफ़ "नो" बोल दिया था .उसके बाद उन्होंने फिर से सवाल किया कि "क्या आप हिंदी सिनेमा में काम करना चाहेंगी" रेखा ने फिर वही जवाब दिया "नो". रेखा को उस समय हिंदी नहीं आती थी. लेकिन दोनों डायरेक्टर ने रेखा को उनकी पहली हिंदी फिल्म के लिए साइन कर लिया था. 

लोगो की वाहवाही से नहीं था कोई मतलब 

रेखा अपने इंटरव्यू में बताती हैं कि उन्होंने बहुत सी फिल्मे की. लेकिन जब लोग उनकी तारीफ़ करते थे और कहते थे कि रेखा बहुत अच्छा काम कर रही हैं, वह जरूर  रातो रात स्टार बन जायेंगी , उनको कभी अपनी तारीफों से फरक नहीं पड़ा था. लेकिन उन्हें सिर्फ एक बात से ख़ुशी होती थी कि उनके स्कूल के दोस्त जब उनकी फिल्मो को देखते थे और उनकी वाह वाही करते थे तब उनको ज्यादा ख़ुशी होती थी. 

रेखा ने किया है सबसे ज्यादा फिल्म

रेखा को अपने जमाने में बॉलीवुड की क्वीन कहा जाता था.रेखा पहली एक्ट्रेस हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा हिंदी फिल्में किया है. बॉलीवुड में अभी भी वह अपने काम से सबको चौका रही है. रेखा को 'उमराव जान' में उनके काम के लिए नेशनल अवार्ड से  भी नवाज़ा गया था.'खुबसूरत','कलयुग', 'मुकद्दर का सिक्कंदर','खून भरी मांग','नमक हराम', 'सिलसिला', 'कोई मिल गया', उनकी बेहतरीन फिल्मो में से एक है.

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