Satish Kaushik: किरदार पहले कलाकार बाद में

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By Mayapuri Desk
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Satish Kaushik: किरदार पहले कलाकार बाद में

शायद हिन्दी पत्रिका मायापुरी ही वो एक इकलौती वाहिद पत्रिका हैं, जिसमें मलेच्छ शब्दों का इस्तेमाल नहीं होता। और ना ही मनघड़न्त खबरों के लिये  इसके पन्ने में स्थान है। तथा सबसे अहम बात ये हैं कि यही एक ऐसी पत्रिका है, जो हम जैसे कलाकारों को दूर-दराज के कस्बों और गांवों के दर्शकों से जोड़ती हैं। लिहाजा मैं इस पत्रिका का दिल से शैदाई हूं। ये उद्गार हैं, प्रसिद्ध अभिनेता तथा निर्देशक और अब निर्माता भी सतीश कौशिक के।

  सतीश कौशिक स्टेज से फिल्मों में आये, एक ऐसे वाहिद हास्य अभिनेता है, जिन्हें आई.एस.जौहर, गोप तथा देवेन वर्मा की श्रेणी में जगह दी जा सकती है। उन्होंने किसी भी फिल्म हास्य के तहत कभी हाथ-पैर या टेढ़े-मेढ़े मुंह का इस्तेमाल नहीं किया। उनके द्वारा मासूमियत से भरे संवाद सुनते ही दर्शक लोट-पोट हो जाने पर खा र हो जाते हैं। लिहाजा उन्हें फिल्म ‘साजन चले सुसराल‘ डर में उनके मद्रासी कैरेक्टर के लिये फिल्म फेयर अवॉर्ड से डर नवाजा गया। उन्होंने शेखर कपूर के सहायक के रूप में हाथ बोनी कपूर की फिल्म ‘प्रेम’ हाथ से अपनी शुरूआत की। बाद में शेखर कपूर ने वो फिल्म छोड़ दी लिहाजा अनिल कपूर ने उनकी काबलियत को देखते हुये उन्हें ‘प्रेम‘ “कम्पलीट करने को कहा। और बाद में एक बड़ी फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा‘ का निर्देशन भी उन्हें ही सौंपा गया। बाद में उन्होंने छोटे परदे पर पदार्पण के तहत अभिनेता राजा बुंदेला के साथ “प्रयांस प्रोडक्शन की स्थापना की। जिसके अंतर्गत ‘स्कैंडल‘, ‘ओ मारिया‘, ‘हादसा‘, ‘ये शादी नहीं हो सकती‘ तथा ’कोलगेट टॉप टेन‘ जैसे हास्य धारावाहिकों का निर्माण सफलतापूर्वक किया गया। ये  धारावाहिक क्रमशः जी टीवी (मुझे चांस चाहिए ‘ निर्देशक राजा’) स्कैंडल, ‘ओ मारिया‘, ‘हादसा’ (एन.ई.पी.सी.) “ये शादी नहीं हो सकती (सोनी) ‘कोलगेट टॉप टेन! (जी टीवी ) पर प्रसारित हो चुके हैं, और कुछ हो रहे हैं।“ कोलगेट टाप टेन‘ दर्शकों की पहली पसंद बना रहा। और अब वे आगे ‘मौसम‘ नामक धारावाहिक का निर्माण करने जा रहे हैं। जिसमें पद्मिनी कोल्हापुर की छोटी बहन तेजस्वनी कोल्हापुरे को मुख्य भूमिका सौंपी गयी हैं सतीश जी ने अपने ऑफिस में मेरे चंद सवालों का जवाब इस प्रकार दिया।

  सतीश अपने धारावाहिकों में ज्यादातर नये कलाकारों को ही तरजीह देते हैं। इसकी कोई खास वजह?
-  सतीश कहते हैं हम नये लोगों को ही ज्यादा चांस देते हैं। दरअसल हमारा हमेशा से यही ध्येय रहा है कि किरदार पहले कलाकार बाद में। दूसरे इससे प्रोग्राम में भी फ्रेशनेस तो होती ही है।, इसके अलावा नयी प्रतिभायें भी अपना फन दिखाने में कामयाब होती है। टाइम की बचत भी होती है और पैसे की भी।“

  इसके अलावा सतीश कौशिक खुश होते हुये कहते हैं कि इस बार  वी के पूर्व अध्यक्ष सुबोध लाल प्रयास-प्रोडक्शन ज्वाइन कर रहे हैं। इनके निर्देशन में हम ‘उसकी चिट्ठी‘ नामक धारावाहिक का निर्माण करने जा रहे हैं। जो एक कहानी संग्रह पर आधारित है। अपने अन्य प्रोग्रामों के विषय में सतीश बताते हैं कि ‘मौसम‘ एक ऐसी लड़की की कहानी हैं जो अभिनेत्री बनने की चाह लिये एक छोटी जगह से दिल्ली आती है, और फिर मुंबई आ कर एक नामचीन स्टार बन जाती है। उसके बाद उसके जीवन में क्या क्रांतिकारी परिवर्तन होते हैं। ‘मुझे चांस चाहिए‘ सुरेन्द्र वर्मा की कहानी पर आधारित है जिसे दो नेशनल अवॉर्ड हासिल हो चुके हैं। इसके अलावा “फादर- अंकल! है, जिसे राजा बुंदेला के भाई राम बुंदेला निर्देशित कर रहे हैं। ये प्रोग्राम अभी पाइप लाइन में हैं। एक अन्य प्रोग्राम ‘दौतल‘ के बारे में सतीश कहते हैं कि इसका मुख्य किरदार बेहद दौलतमन्द इन्सान हैं, और पांचवी बार शादी कर रहा है। इन शादियों से उसके परिवार में क्या कुछ होता है। वही इस प्रोग्राम में दर्शाया जायेगा।

“सुना है आपको इन.ई.पी.सी. चैनल पर काफी नुकसान उठाना पड़ा?
- सतीश बड़े व्यथित स्वर में कहते हैं हां यार, बस पूछिये मत, बेहद तंग आं चुके हम। लेकिन करें तो क्या करें? कुछ समझ में नहीं आता। खैर जो होगा देखा जायेगा।
“आपके आने वाले धारावाहिक कौन-कौन से हैं?
- “सतीश कहते हैं जैसा कि मैंने बताया कि एक तो “मौसम‘ है, दूसरा ‘दौलत‘ और तीसरा “फादर अंकल! फादर- अंकल, एक ऐसा कॉमन मैन है, जो रातों -रात चीफ मिनिस्टर बन जाता है। लोग उसे तब भी फादर अंकल ही कहते हैं। इसे राम बुंदला निर्देशन कर रहे हैं।
‘ सुबोध लाल के विषय में सतीश जी बेहद खुश हैं क्योंकि वे उनकी कंपनी ज्वाइन कर रहे हैं। सतीश कहते हैं-
  “ये न्यूज मैं पहली बार मायापुरी को दे रहा हूं, कि सुबोध लाल इससे पहले एक आई.एस. ऑफिसर रह चुके हैं। आपने मि. मारू का नाम सुना होगा, वे जी, सीनम, इन मुंबई के प्रेजीडेन्ट रह चुके हैं। इनके सौजन्य से सुबोध लाल हमारे यहां आये। अब उनके आने से हमारी कंपनी का और डवलपमेन्ट होगा। तथा तरक्की की भी काफी संभावनायें हैं इनकी बदौलत अब हम दूरदर्शन में प्रवेश करेंगे।
“संतीश कौशिक ने कुछ अरसा पहले फिल्म ‘बस कन्डक्टर! अनाउंस की थी। उसका क्या  हुआ?
- “उसकी स्क्रिप्ट बिल्कुलः तैयार  थी, लेकिन बीच में डी.रामा नायडू ने अपनी फिल्म के लिए मुझे बतौर निर्देशक साइन कर लिया। लिहाजा 7 जनवरी को वो स्टार्ट हो रही है। लेकिन प्रयास प्रोडक्शन की पहली फिल्म ‘बस कन्डक्टर‘ ही होगी। डी. रामा नायडू की साउथ इंडियन “पवित्र  बन्धम‘ पर, आधारित इस फिल्म में अनिल कपूर और काजोल होंगे। इसके अलावा मैंने एक फिल्म मंसूर सिद्दिकी की भी साइन की है।

सतीश ज्यादातर अनिल कपूर के साथ ही काम करते रहे हैं। इसका कोई खास कारण?
- सतीश कहते हैं कि मैंने उनकी फिल्म ‘वो सात दिन’ में छोटा सा रोल किया था। बस तभी से अनिल से मेरी दोस्ती हो गयी, जो आगे चलकर काफी प्रगाढ़ हो गयी। बस बाद में ज्यादा फिल्में उसके साथ ही की। जिनकी गिनती दर्जन तक जा पहुंची। अभी मैं उनके साथ ‘घर वाली बाहर वाली‘ कर रहा हूं। फिल्म फेयर अवॉर्ड मुझे फिल्म ‘साजन चले ससुराल‘ के लिए मिला। इसके अलावा सुनील के साथ ‘बड़े -  दिलवाला,‘ अमित जी की “बड़े मियां छोटे मियां’, ‘हसीना मान जायेगी’, ‘राजा जी‘ आदि मिलाकर मेरे पास इस समय दर्जन भर फिल्में हैं। और खास बात ये हैं कि इन सभी फिल्मों में मैं नायक के दोस्त की भूमिका में ही हूं, लेकिन अंदाज अलग-अलग हैं।
आपको आई एस.जौहर, देवेन वर्मा स्टाइल का हास्य अभिनेता कहा जाता है। तो क्या आप इनसे प्रभावित रहे हैं?
- “हां मैं देवेन वर्मा से काफी प्रभावित रहा हूं। क्योंकि वे अभिनय के तहत हास्य बिखेरते हैं।  और मैं चूंकि स्टेज से आया हूं। लिहाजा मुझे अपने ऊपर कंट्रोल होता है।
आप चूंकि हरियाणवी हैं। क्या इसीलिए आप इस भाषा को अपने हास्य हरि अभिनय में ज्यादा इस्तेमाल जल करते हैं?
- “देखिये सतीश कहते हैं, भाषा कोई भी हो, उसे इस तरह यूज किया जाना चाहिये, कि वो दर्शक उसे आसानी से समझते हुये एन्जाय कर सके। अब मैंने “साजन चले ससुराल‘ में मद्रासी भाषा का इस्तेमाल इस तरह से किया, कि वो आसानी से समझ में आ गयी।
आपके भावी प्रोग्राम क्या-क्या हैं?
- बस अब तो अपने प्रयास प्रोड्क्शन को आगे बढ़ाना है। इसमें मैं निर्देशन भी करता रहूंगा, अभिनेता तो हूं ही। इसके अलावा प्रोड्क्शन भी संभालूंगा।

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