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निर्देशक हंसल मेहता, जिन्होंने साल 2000 में मनोज बाजपेयी के साथ छोटी-सी कॉमेडी ड्रामा दिल पे मत ले यार में काम किया था, ने कहा कि एक्टर के साथ काम करना बहुत मुश्किल था. एक इंटरव्यू में हंसल ने कहा कि जब वह अब इस बारे में मनोज से जिक्र करते हैं तो एक्टर यह कहकर बात टाल देते हैं कि उस वक्त वह बहुत छोटे थे. हंसल ने कहा, ''लेकिन मैं भी छोटा था, मुझे भी नहीं पता था कि क्या हो रहा है.''
एक्टर के साथ अच्छा तालमेल करते है प्रिफर
गोलमेज सम्मेलन में हंसल ने कहा कि जब वह कोई फिल्म बनाते हैं तो उन्हें उन लोगों के साथ काम करने में मजा आता है, जिनके साथ उनका अच्छा तालमेल हो और एक एक्टर को इम्प्रेस करने के लिए उदाहरण के लिए, निर्देशक अनुराग कश्यप और कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने राजकुमार राव पर काम करने का दबाव डाला और अब उन्होंने छह प्रोजेक्ट पर एक साथ काम किया है. उन्होंने कहा “यह उस जुड़ाव के बारे में है जिसे आप महसूस करते हैं. मनोज के मूड में बड़े बदलाव हैं. हमने दिल पे मत ले यार बनाया. 2000 में, और वह उस फिल्म में एक दर्द था,"
मनोज हो जाते थे चिडचिडे
हंसल ने उस समय को याद किया और बताया, “लेकिन दिल से वह एक अच्छा लड़का है. वह बुरा व्यक्ति नहीं है. आपको वह वाइब मिलता है. जब हम साथ काम करते थे तो मैं बहुत चिड़चिड़ा हो जाता था.मैंने पूछा, 'मनोज, तुम ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हो?' यही वह समय था जब मनोज किरदार लेकर चले जाते थे. मुझे नहीं पता कि उन्होंने कैसे निर्णय लिया कि चरित्र चिड़चिड़ा होना चाहिए, लेकिन उन्होंने इसे सभी पर थोप दिया. हर कोई उससे दूर भागता था. सौरभ (शुक्ला) कहते थे, 'मैं उनसे बात करने गया था और उन्होंने बुरा व्यवहार किया. उसको क्या हुआ है?'
वर्क फ्रंट
बता दें सौरभ शुक्ला और मनोज ने फेमस नाटक सत्या में एकसाथ काम है , जिसने एक्टर को काफी फेमस किया. उन्होंने नाटक 'अलीगढ़' में हंसल के साथ काम किया, जिसे हंसल ने अपनी सबसे पसंदीदा फिल्म बताया.मनोज का आने वाला प्रोजेक्ट ब्लैक कॉमेडी सीरीज़ किलर सूप है.जबकि हंसल द बकिंघम मर्डर्स की रिलीज़ के लिए इंतज़ार कर रहे हैं.