डिप्रेशन से जूझ रहे हैं पाताल लोक के निर्देशक अविनाश अरुण, 5 साल से नहीं मिल रहे अगली फिल्म के लिए खरीदार By Preeti Shukla 13 Dec 2023 | एडिट 13 Dec 2023 12:33 IST in बॉलीवुड New Update Follow Us शेयर पुणे और लोनावाला के बीच महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर तालेगांव में, अविनाश अरुण ने फिल्म डायरेक्टर सुभाष घई का एक इंटरव्यू पढ़ा, जिनके वे बहुत बड़े फैन थे. जिसमे बताया गया है कि फिल्म डायरेक्टर फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के स्टूडेंट थे. अविनाश, जो काफी छोटे था, को उसके पिता ने बताया था कि ये वो जगह है जहां फिल्म डायरेक्टर को तैयार किया जाता है, जिसकी वजह से काफी इम्प्रेस हुए. लेकिन काफी समय के बाद उन्होंने अपने पिता से बात की और बताया कि एफटीआईआई में जाने के लिए उन्होंने एक शोर्ट फिल्म बनाना है. जिसके बाद उनके पिता ने उनके पास बचे हुए कुछ पैसे निकाले और उनको दे दिए. अविनाश की यह पहली फिल्म थी जिसे वह प्रोड्यूस कर रहे थे, हालांकि उनकी यह फिल्म बन नहीं पायी और उनके सारे पैसे भी खर्च हो गए. य्न्होने बताया “मेरे पिता ने कुछ नहीं कहा, वह खुश थे कि उनके बेटे ने कम से कम कोशिश तो की. यह वास्तव में मेरी कहानी का मूल है,' अविनाश ने फिर भी फिल्म बनाने का सपना नहीं छोड़ा. वह एफटीआईआई में निर्देशन पाठ्यक्रम के लिए अभी भी जाना चाहते थे. लेकिन उसको लेकर वह कॉंफिडेंट नहीं थे. क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं थे. अविनाश ने बताया “मैं अच्छी तरह से पढ़ा-लिखा नहीं था, इसके साथ ही यह असुरक्षा भी जुड़ गई कि फिल्म निर्माण महंगा है, तो मुझे फिल्म बनाने के लिए फंड कौन देगा? मेरे माता-पिता के पास पैसे नहीं थे, कोई मुझे नहीं जानता था. मुझे लगा कि सिनेमैटोग्राफी के छात्र जल्द ही कमाई करना शुरू कर देंगे, और मेरे पास पैसे नहीं थे, इसलिए यह आवश्यकता से बाहर आया. यह एक बहुत ही व्यावहारिक कारण था.” अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए उन्होंने बताया “मुझे अभी भी याद है जब मैंने सूची में अपना नाम देखा, तो मैं घर जाते समय पूरे रास्ते बाइक चलाते हुए रोता रहा. जब मैं एफटीआईआई में आया, वह क्षण मेरी स्मृति में अंकित है. मुझे केवल उसकी ही अभिलाषा थी, और कुछ की नहीं. मैं किसी से मिलकर उत्साहित नहीं होता हूं - मुझे खुशी और गर्मजोशी महसूस होती है, निश्चित रूप से - लेकिन मुझे लगता है कि एफटीआईआई में पढ़ना, फिल्मों के बारे में सीखना हमेशा मेरा सबसे पसंदीदा समय रहेगा" पब्लिक का प्यार नहीं संभालते हुए अविनाश ने बताया “जब मेरी पहली रिलीज़ मेरे खुद के निर्देशन में बनी थी, तो यह बहुत जबरदस्त थी. मैं इसे संभाल नहीं सका, सारा प्यार जो आना शुरू हुआ. यह आकस्मिकता जैसा महसूस हुआ. शायद यही वजह है कि किला के बाद मैं दो साल तक डिप्रेशन में रही. मुझे लगा कि मैंने यात्रा की सभी ऊँचाइयों का अनुभव कर लिया है. ऐसा महसूस हुआ मानो माउंट एवरेस्ट की चोटी पर हूं. तो मैं सोचने लगा, अब क्या?” डिप्रेशन के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया “और फिर मैं डूबने लगा, क्योंकि मैंने कभी केवल एक फिल्म बनाने के बारे में सोचा था। एक बार यह हो जाने के बाद, मुझे नहीं पता था कि आगे क्या करना है. मेरे कुछ साल तो बस यही सोचते-सोचते बीत गए. अब क्या? मैं कौन हूं, कहां हूं, क्या कर रहा हूं, यह यात्रा मुझे कहां ले जा रही है?”मेरे लिए सबसे निराशाजनक बात यह थी, 'मैं अपनी दूसरी फिल्म क्यों नहीं बना पा रहा हूं?' इसमें मुझे सात साल लग गए. मैं जो फिल्म बनाना चाहता था वह व्यावसायिक नहीं थी और मेरी रोजी-रोटी निर्देशन पर निर्भर नहीं थी. मेरी रसोई मेरे सिनेमैटोग्राफी के काम से चल रही थी. एक सिनेमैटोग्राफर के रूप में, मुझे लगा कि मैं अभी भी यहां-वहां थोड़ा समझौता कर सकता हूं, लेकिन एक फिल्म निर्माता के रूप में, मैं ऐसा नहीं करूंगा. इससे मेरी चिंता और भी बदतर हो गई, क्योंकि हर कोई मुझसे पूछता था, 'ओह, आपने इतनी अच्छी फिल्म बनाई, अब आगे क्या?' यह पांच साल तक चलता रहा और मैंने पूरी तरह से उम्मीद छोड़ दी थी.' #Deepika Padukone #Saif Ali Khan #Avinash Arun #Three of Us #Paatal Lok #Avinash Arun films #Paatal Lok 2 हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article