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आने वाली 22 जनवरी को अयोध्या में ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम होने है. बता दें कार्यक्रम के लिए अयोध्या नगरी पुरी तरह सज चुकी है. श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए वहां जोर-शोर से तैयारियां हो रही हैं. मंदिर निर्माण की खुशी हर तरफ है. बता दें इस मौके पर बॉलीवुड से भी कई हस्तियाँ शामिल होंगी. इस लिस्ट में रामंद सागर के टीवी सिरल रामयाण में सीता का किरदार निभा चुकी दीपिका चिखलिया भी शामिल होगी. उन्हें स्पेशल गेस्ट के तौर पर निमंत्रण मिला है.दीपिका ने श्री राम से उनके प्यार और इस दिन की तैयारी के बारे में खुलकर बात की.
एक्ट्रेस के लिए है इमोशनल मोमेंट
दीपिका चिखलिया राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए बेहद खुश हैं उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए बहुत ही ऐतिहासिक दिन है. यह आने वाले जेनरेशन के लिए बहुत मायने रखेगी क्योंकि 500 साल बाद राम जी वापस अयोध्या आ रहे हैं. अपने घर में आ रहे हैं. मेरे बारे में तो लोग जानते हैं कि मैं राममयी रही हूं. मैं रामजी में बहुत विश्वास भी रखती हूं. मैंने अपनी जिंदगी में सीता का किरदार भी निभाया है. मेरे लिए वाकई में बहुत ही इमोशनल मोमेंट होने वाला है. बल्कि सभी भारतीय के लिए यह एक ऐसा गौरान्वित दौर रहेगा कि हम आने वाली पीढ़ियों से यही कहेंगे कि हम इसके साक्षी रहे हैं.'
इनविटेशन से हुई थी खुश
न्यौता मिलने पर दीपिका ने अपना रिएक्शन दिया और कहा, 'मैं बिलकुल भी इस इनविटेशन को लेकर तैयार नहीं थी. मैंने तो उम्मीद ही नहीं की थी. जब मुझे आरएसएस के ऑफिस से कॉल आया, तो उन्होंने कहा कि आप हमारे लिए सीता जी हैं, पूरी दुनिया आपको इसी नाम से जानती है. आपका होना वहां बहुत जरूरी है. इसलिए आप हमारा इनविटेशन स्वीकार करें. हालांकि उस वक्त मैं इतनी खुश हो गई थी कि मेरे मुंह से निकल गया कि आप भी मुझे सीता मानते हैं. वो कहने लगे, इसमें कोई शक नहीं है.'
राम के साथ सीताजी की मूर्ति न होने पर हुई निराश
एक्ट्रेस दीपिका इस बात पर थोडा निराश भी हुई कि राम के साथ सीताजी की मूर्ति नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे हमेशा लगा था कि रामजी के बगल में सीताजी की मूर्ति होगी. हालांकि यहां ऐसा नहीं है, जिसका मुझे अफसोस है. मैं आपके चैनल द्वारा हमारे प्राइम मिनिस्टर को रिक्वेस्ट करना चाहती हूं कि वो आयोध्या में राम के साथ सीता जी की मूर्ति को भी विराजमान करें. कहीं न कहीं उन्हें जगह दें. जरूर कोई तो जगह होगी कि जहां राम और सीता जी विराजमान हो सकते हैं. मैं दरख्वास्त करती हूं कि रामजी को अकेला मत रखिएगा. मैं मानती हूं कि आयोध्या में उनका बालस्वरूप है. बहुत सुंदर स्वरूप है, प्रभावशाली है. मुझे क्या बल्कि सभी महिलाओं को बहुत खुशी होगी अगर रामजी के साथ सीता मां को भी रखा जाए.'