Sharmila Tagore:शर्मिला टैगोर (sharmila tagore) ने बॉलीवुड के साथ बंगाली सिनेमा में भी काम किया . 90 के दशक में उनकी एक्टिंग के लिए ऑडियंस दीवानी हुआ करती थी. शर्मीला टैगोर ने इंडस्ट्री में लगभग सभी एक्टर्स के साथ काम किया था.90 के दशक के सुपरस्टार राजेश खन्ना (rajesh khanna) के साथ उनकी फिल्म 'अमर प्रेम', 'दाग','अराधना' में अभिनय के लिए उन्हें याद किया जाता है. शर्मिला टैगोर जहां अपने करियर में लगातार शोहरत हासिल कर रही थी वहीं उसी समय उनकी मुलाक़ात क्रिकेटर मंसूर पटौदी (Mansoor Pataudi) से हुई थी.
कुछ यूं हुई थी शर्मिला टैगोर और मंसूर की पहली मुलाक़ात
आपको बता दें कि शर्मिला टैगोर और मंसूर पटौदी की पहली मुलाकात 1965 के दिल्ली में मैच के बाद की पार्टी, जहाँ उनका परिचय एक पारस्परिक मित्र ने कराया.वहीं दोनों ने आपस में बात की.शर्मिला टैगोर एक इंटरव्यू में बताती हैं कि जब वह मंसूर से पहली बार बात किया था तब उनका लहजा बहुत ब्रिटिश था, कोई भी उनके चुटकुलों पर नहीं हंसता था क्योंकि वे उन्हें समझ नहीं पाते थे. इसलिए, वह अपने चुटकुलों पर खुद हंसते थे.
मंसूर के सेंस ऑफ़ ह्यूमर से हुई थी इम्प्रेस
पार्टी में बातचीत करने के बाद दोनों की अक्सर बातें होने लगी. बात करने के बाद शर्मिला टैगोर को मंसूर का सेंस ऑफ़ ह्यूमर बहुत पसंद आया था. धीरे-धीरे वह उनकी ओर आकर्षित होने लगी. बीच-बीच में मिलने से दोनों के बीच ट्रस्ट बढ़ता गया. यही ट्रस्ट उनका प्यार में बदल गया और दोनों को पता भी नहीं चला.
पेरिस में किया था मंसूर ने शर्मीला को प्रपोज़
दोनों को आखिर में मिलना ही था. मंसूर पटौदी द्वारा पेरिस में एक आश्चर्यजनक प्रस्ताव के बाद, दोनों ने कुछ वर्षों तक डेटिंग की. उसके बाद 1969 में दोनों ने शादी कर ली.लेकिन इससे पहले उन्होंने अपने परिवार की सहमति सुनिश्चित की।
दोनों के बीच धर्म नहीं बनी बाधा
आपको बता दें कि शर्मिला टैगोर बंगाली परिवार में जन्मी थी , वहीं मंसूर पटौदी एक मुस्लिम परिवार में जन्मे थे. दोनों के बीच धर्म कभी बाधा नहीं बना .लेकिन शर्मिला टैगोर के प्रोफेशन को लेकर मंसूर अली खान के परिवार में बैचेनी बढ़ गई थी. दरअसल उनके नवाबी परिवार को अभिनय का पेशा पसंद नहीं था.वहीं शर्मिला टैगोर के परिवार में पटौदी के परिवार में पटौदी की 'भोगवादी' जीवनशैली' के बारे में सुना था.लेकिन दोनों अपने परिवार को मनाने में कामयाब रहे.