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दीपिका पादुकोण की यह होली उनके जीवन में कुछ अलग रंग लेकर आई है?

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By Mayapuri Desk
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दीपिका पादुकोण की यह होली उनके जीवन में कुछ अलग रंग लेकर आई है?

 फिल्म ‘पठान’ की धुंआधार ब्लॉकबस्टर सफलता ने बॉलीवुड की सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में से एक, दीपिका पादुकोण को उपलब्धियों के शीर्ष पर ला खड़ा कर दिया है। जाहिर है दीपिका की यह होली उनके जीवन में कुछ अलग रंग लेकर आई है। वैसे भी दीपिका शुरू से ही हर भारतीय उत्सव और समारोहों के लिए अपने उत्साह के लिए पहचानी जाती हैं। दीपिका ने होली विषय छिड़ने पर कहा था, हालांकि अब मैं होली उत्सव पर रंग डालने का खेल नहीं खेलती और मुझे होली के नाम पर जबरदस्ती रंग डालना पसंद भी नहीं है, लेकिन फिर भी कहूँगी होली भारत में सबसे जीवंत और सबसे ज्यादा खुशी बाँटने वाले उत्सवों में से एक है, और यह मेरे दिल में एक स्पेशल स्थान रखता है। यह सबको पता है कि दीपिका होली त्योहार सिर्फ उनके साथ मनाना पसंद करती है जो दीपिका के अपने है या उनके दिल के करीब है। वो अपने प्यार और अपने नियर एंड डीयर वन्स के साथ उत्सव का आनंद लेने के बारे में चर्चा करते हुए होली के उत्सव पर अपना दृष्टिकोण जब रखती है तो लगता है जैसे बसंत के द्वार पर बचपन दस्तक दे रहा है।

क्या सोचती है दीपिका होली को लेकर? इस प्रश्न पर

दीपिका पादुकोण का मानना है कि होली के उपलक्ष में जो होलीडेज (छुट्टियां) मिलती है वो दरअसल लोगों को मिलने मिलाने का काम करता है और प्यार और एकता के गुणों का सम्मान करना सिखाता है। दीपिका ने कहा, दक्षिण भारत में जहां मैं पैदा हुई, वहां नॉर्थ इंडिया की तरह होली नहीं खेला जाता है, हमारे लिए सबसे खुशी की बात यह थी कि उस दिन स्कूल की छुट्टी होती थी और साथ ही परिवार में बड़ों की भी छुट्टी होती थी। हमारे बिल्डिंग में मेरी कई सारी फ्रेंड्स भी थे, जिनके साथ मैं होली खेलती थी। उस समय में ऑर्गेनिक कलर्स नहीं मिलते थे और जो भी कलर्स होते थे वे पक्के रंग के होते थे। इसलिए मैं होली के कई दिन पहले से ही एक जोड़ी पुराने कपड़े, अलमारी से निकाल कर रखती थी जिसे मैं होली के दिन पहनकर होली खेलती थी। दोपहर तक मेरे कपड़े कई तरह के रंगों से इन्द्रधनुषी बन जाता था। कपड़े तो कपड़े, मेरे चेहरे, बालों और हाथ पैर भी पक्के रंग से इतने रंग जाते थे कि हफ्तों तक धोने पर भी नहीं साफ होते थे। मुझे याद है कि मेरी मॉम मुझे होली खेलने से पहले चेहरे, बाल, हाथ, पैरों में तेल लगाने के लिए कहती थी ताकि रंग जल्दी धुल सके। होली के दिन रंग खेलने के बाद हमें तुरंत बाथरूम में जाकर नहाने का आदेश होता था ताकि घर के अंदर रंग ना फैले।  

दीपिका ने एक साक्षात्कार में कहा था, होली एक ऐसा उत्सव है जो लोगों को एकजुट करता है और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है, पिछले दो वर्षों से कोविड महामारी ने इन कोमल भावनाओं को सप्रेस कर दिया था, सारी रौनकें खत्म कर दी थी लेकिन थैंक गॉड आज फिर से सबकुछ काफी हद तक नॉर्मल हो गया है। अब फिर से सभी मतभेदों को दूर करने और प्रेम और एकता की भावना का सम्मान करने का समय आ गया है।

दीपिका भले ही स्लिम दिखती है और फिल्म ‘पठान’ में उनके स्लिम जिस्म और लंबी लंबी टांगों के जलवों ने तहलका मचाया हुआ है लेकिन आप यह न समझना कि वो तीज त्योहारों में भी डाइटिंग करती है, नो वे, होली हो या दिवाली दीपिका अपने स्वीट टूथ को जमकर पैम्पर करती है। वो कहती हैं,  त्योहार और मिठाइयाँ, एक दूसरे के पूरक है, एक दूसरे के बिना अधूरे। मुझे मिठाईयों से बहुत प्यार है। बचपन में जब बैंगलुरू में रहते थे तो त्योहारों के दिन, घर की रसोई से उठती तरह तरह की मिठाइयों की महक से घर में प्रवेश करते ही फेस्टिवल का एहसास हो जाता था। उन दिनों अपने पड़ोसी फ्रेंड्स के साथ रंग का खेल खेलने और जमकर होली की मिठाइयों का मजा लेने के सिवाय और क्या काम था। आज भी मैं त्योहारों का बेसब्री से इंतजार इस कारण भी करती हूँ कि मनपसंद स्वीट्स गुजिया, मालपुआ, मैसूर पाक मँगवा सकूं। दीपिका को उनके फैंस ने तरह तरह की मिठाईयों की फर्माइश करते देखा है।  

दीपिका कहती है, होली का त्योहार, जश्न मनाने, स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने और प्रियजनों के साथ समय बिताने का समय है, इसलिए मैं हर साल इसका इंतजार करती हूं। होली एक ऐसा समय होता है जब पूरा समुदाय त्योहार मनाने के लिए इकट्ठा होता है और यह मतभेदों को दूर करने और मस्ती में हिस्सा लेने का समय है। जब मस्ती की बात आती है तो प्रश्न उठता है कि क्या कभी होली के अवसर पर किसी ने बुरा ना मानो होली है के तर्ज पर कोई शरारत उनके साथ करने की कोशिश की? तो सुनिए दीपिका के साथ घटी वो घटना। यह उन दिनों की बात है जब दीपिका फिल्मों में आई नहीं थी। बंगलौर में रहती थी और मॉडलिंग करती थी। एक बार वो अपनी मम्मी के साथ एक दिन के लिए मुंबई आई थी, एक ऑडिशन देने के लिए। वो होली का दिन था। ऑडिशन के बाद वे टैक्सी लेकर अपने संबंधी से मिलने पेडर रोड गए। एक जगह उन्हें टैक्सी से उतर कर रोड क्रॉस करके, रोड के दूसरे तरफ जाना था। मम्मी ने आगाह किया कि होली का दिन है, पैदल रोड क्रॉस करने से अच्छा है टैक्सी को यू टर्न लेकर चलने को कहें लेकिन दीपिका ने कहा, उतना लंबा यू टर्न लेने से अच्छा है फटाफट रोड क्रॉस कर ले। दोनों टैक्सी छोड़ कर पैदल रोड क्रॉस करने लगे तो अचानक एक दल लड़के वहां आ गए और उनपर निशाना साध कर उनपर अंडे फेंकने लगे। मम्मी के ऊपर एक अंडा भी गिरा। मॉम का अंदेशा था कि दरअसल वो दीपिका पर निशाना साध रहे होंगे। इस दिन के बाद दीपिका और भी अधिक सावधान हो गई। यही कारण है कि होली उनका फेवरेट त्योहार होने के बावजूद वो रंग खेलने के कार्यक्रमों से अब दूर रहती है। अब वे होली एंजॉय करती है अपने पति रणवीर सिंह और ससुराल वालों के साथ। दीपिका कहती हैं, हम दोनों कोशिश करते हैं कि त्योहारों के दिन हम दोनों घर पर रहें और परिवार वालों के साथ रहें। अगर इन खास पलों में मेरे माता पिता और रणवीर के माता पिता सब साथ इकट्ठा  हो तो इससे सुन्दर और आनन्ददायक बात और कोई नहीं हो सकता लेकिन अगर मेरे माता पिता किसी कारण वश ना भी आ पाए तो कोई बात नहीं। होली के दिन या किसी भी त्योहार पर पहले हम अपने घर पर पूजा रखते हैं, फिर अपने इन-लॉज के घर पर सबसे मिलने जाते हैं जहां हम सब मिलकर होली दिवाली मनाते हैं।

दीपिका ने कई ऐसी फिल्में की जिसमें होली के दृश्य पिरोए गए थे। अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस कार्यक्रम का जश्न मनाने के अलावा, उन्हें अपने बॉलीवुड को-स्टार्स द्वारा आयोजित होली पार्टियों में भी देखा गया है। 2019 में, दीपिका और उनके पति रणवीर सिंह ने होली मनाई, और इस सुन्दर जोड़ी ने अपने जीवंत उत्सव की तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट कीं। हाल के वर्षों में, दीपिका ने पर्यावरण के अनुकूल इको फ्रेंडली होली समारोह की भी वकालत की है, लोगों से प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने और पानी की बर्बादी को कम करने के लिए भी  कहती हैं।
दीपिका ने अपनी कई फिल्मों में भी होली उत्सव पर जबर्दस्त डांस किया है, यह गाने हर होली उत्सव पर घर घर में, गलियों में, बाजारों में और होली इवेंट्स पर बजाया जाता है। फिल्म ये जवानी, है दीवानी के गीत ‘बलम पिचकारी’, फिल्म ‘गोलियों की रास लीला’ में ‘लहू मुँह लग गया’, फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ का होली गीत, ‘मोहे रंग दो लाल, में दीपिका ने होली उत्सव को एक अलग ही मस्ती और रूप रंग में ढाल दिया।  

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