Baaghi 3 Review: जबरदस्त एक्शन
Baaghi 3 Review में हम आपको बता दे की जो हम अस्सी नब्बे के दशक की फिल्मों देखा करते थे कि हीरो रीवेंज के लिये पचास पचास लोगों से भिड़ जाता था और पल भर में सभी को धूल चटा देता था। इन दिनों साउथ की डब फिल्मों में भी यही सब देखते दर्शक खासा पसंद कर रहे हैं। इस बार निर्देशक अहमद खान ने भी फिल्म ‘ Baaghi 3’ में कहानी को नजरअंदाज करते हुये सिर्फ और सिर्फ एक्शन पर ध्यान दिया है।
रेटिंग 3.5
कहानी
जैकी श्राफ यानि इंस्पेक्टर चतुर्वेदी के दो बेटे हैं। बड़ा विक्रम यानि Ritesh Deshmukh और छोटा रॉनी यानि टाइगर श्रॉफ। जहां विक्रम एक दब्बू किस्म का शरफ सा युवक है, वहीं रॉनी एक जांबाज लड़ाका है जो अपने भाई से इस कदर प्यार करता है कि उसका खून देखकर पागल हो उठता है लिहाजा सामने वाले की खैर नहीं। बड़े होने पर रॉनी विक्रम को पुलिस में भर्ती करवा देता है और उसकी शादी अंकिता लोखंडे से करवा देता है। आगरा में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जाल को विक्रम रॉनी के जरिये तौड़ता है तो पुलिस डिपार्टमेंन्ट का हीरो बन जाता है। बाद में उसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग के सरगना को पकड़ने के लिये सीरिया भेजा जाता है, जहां एक बेहद खूखांर आतंकवादी अबू जलाल गाज़ा यानि जमील खोरी विक्रम को पकड़ लेता है। अपने भाई को मुसीबत में देख रॉनी पागल हो जाता है लिहाजा वो अपनी प्रेमिका Shraddha kapoor के साथ सीरिया जा पहुंचता है। वहां वो अबू गाज़ा के आतंकी गिरोह के जाल को तहस नहस कर अपने भाई को बचाने में कामयाब होकर दिखाता है ।
अवलोकन
बागी फ्रेंचाइज की ये तीसरी फिल्म है जिसमें निर्देशक अहमद खान की दूसरी और तीसरी। इस बार अहमद खान एक्शन में तो हॉलीवुड से भी आगे निकल गये लेकिन उन्होंने कथा पटकथा को नजर अंदाज कर दिया। अगर थोड़ी कहानी पर भी मेहनत कर ली जाती तो ये एक और फिल्म वॉर साबित हो सकती थी। फिल्म में सारिया में हुये एक्शन दृश्य जिनमें हॅलीकॉप्टर्स, टैंक तथा तमाम तरह की गन्स और बम दर्षक को दहला देते हैं। टाइगर को वनमैन आर्मी के तौर पूरे दहशतगर्दो पर अकेले भारी पड़ना थोड़ा चुभता तो है लेकिन टाइगर को लड़ते देख वो विचार जल्दी ही काफुर भी हो जाता है। फिल्म के पहले भाग में रितेश, अंकिता टाइगर और श्रद्धा की महज चुहलबाजी चलती रहती है। कहानी दूसरे भाग में पटरी पर आती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि टाइगर इस वक्त शायद बॉलीवड के अकेले एक्शन मैन हैं जो हर प्रकार का एक्शन कर सकते हैं। फिल्म की फोटोग्राफी देखने लायक है, संगीत की बात की जाये तो दस बहाने कर के ले गई गीत खूब पंसद किया जा रहा है तथा आइटम सांग डूयू लव भी ठीक बन गया है।
अभिनय
जैसा कि मैने कहा कि इस समय षायद टाइगर बॉलीवुड के इंकलौते ऐसे एक्शन हीरो हैं जिसे एक्शन में कुछ भी करते हुये देखा जा सकता है। फिल्म में सीरिया में टैंकों, हॅलीकॉप्टर्स और बम धमाकों के बीच टाइगर को एक एक्शनमैन के तौर पर देखते बनता है। यहां उसकी जबरदस्त बॉडी मसल्स दर्शक के दिल में हिलौर सी पैदा करते हैं। रितेश देशमुख इस तरह की भूमिका करने में सिद्धहस्त हैं। यहां भी वे एक दब्बू किस्म के शख्स के तौर पर बढ़िया काम कर गये । एक्शनपैक्ड फिल्म में हीरोइनों का क्या काम, फिर भी ग्लैमर का तड़का लगाने के लिये श्रद्धा कपूर है जिससे कॉमेडी भी करवाई गई है और जिसे टाइगर के साथ जबरदस्ती चिपकायें रखा है। अंकिता लोखंडे की भूमिका भी सीमित रही। आतंकवादी सरगना के रोल में जमील खोरी आतंकीवादी सरगना के तौर पर डराने में कामयाब रहे, वहीं इंडिया में उसके खास आदमी की भूमिका में जयदीप अहलावत ने भी बढ़िया काम किया। छोटी भूमिकाओं में जैकी श्रॉफ और विजय वर्मा भी ठीक रहे। आइटम सॉन्ग में दिशा पटानी काफी सैक्सी लगी है।
क्यों देखें
एक्शनपैक्ड फिल्मों के रसिया दर्शकों के लिये फिल्म में देखने के लिये काफी कुछ है ।
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