रिश्तों की संवेदना दर्शाती 'शेफ' By Mayapuri Desk 06 Oct 2017 | एडिट 06 Oct 2017 22:00 IST in बॉक्स ऑफ़िस New Update Follow Us शेयर रेटिंग*** एयरलिफ्ट और बारह आना जैसी फिल्में बना चुके निर्देशक राजा कृष्णा मेनन ने इस बार हॉलीवुड फिल्म 'शेफ' की कहानी चुनी और उसका इसी नाम से भारतीयकरण किया। पिता पुत्र और पति पत्नि के संवेदनशील रिश्तों पर आधारित ये फिल्म एक हद तक प्रभावित करती है। क्या है फिल्म की कहानी रौशन कालरा यानि सैफ अली खान को बचपन से ही किचन से लगाव रहा है लेकिन जब पिता उस पर कुछ और थोपना चाहते हैं तो रौशन महज पंदरह साल की उम्र में ही घर से भाग खड़ा होता है और एक दिन यूएसए के एक बड़े होटल के हैड शेफ के रूप में सामने आता है। इस पड़ाव तक पहुंचने के लिये उसे काफी कुछ खोना भी पड़ा है, जैसे उसका पत्नि प्रिया का तलाक हो जाने के बाद अपने बेटे से भी दूर हो जाना, इसके बाद पत्नि अपने बेटे स्वर कांबले के साथ केरल में शिफ्ट हो जाती है और रौशन कालरा न्यूयार्क अपने काम के साथ। एक हादसे के बाद रोशन को नोकरी से हाथ धोना पड़ता है, इसके बाद उसकी दोस्त उसे उसके रिश्तों का वास्ता देते हुये इंडिया वापस जाने की सलाह देती है। रौशन वापस अपनी पूर्व पत्नि के पास आता है। यहां उसे अपने बेटे और पूर्व पत्नि के साथ रहते रिश्तों की नई अनुभूति का एहसास होता है और उसे प्रिया से लाइफ की फिलॉसफी और प्रेम की परिभाषा समझने का मौका मिलता है। नये जोश से भरा रौशन एक दो मंजिली बस में फास्ट फूड बिजनिस शुरू करता है। इसके बाद रौशन की लाइफ एक बार फिर पटरी पर आ जाती है और इस बार उसके साथ उसकी पत्नि और बेटा भी है। रिश्तों का एहसास करवाती फिल्म शेफ पूरी तरह से पारंपरिक फिल्मों से हटकर एक ऐसी फिल्म है जो संवेदना और रिश्तों का एहसास करवाती है। निर्देशक ने पिता पुत्र और पति पत्नि के रिश्तों के रिश्ते को बड़ी खूबसरती से दर्शाया है जबकि फिल्म में न तो ऐसे भावनात्मक दृश्य है और न ही इमोशन जो दृवित कर सके, बावजूद इसके फिल्म इन रिश्तों का एहसास करवाने में पूरी तरह कामयाब है। पहला भाग थोड़ा लूज हैं लेकिन दूसरा भाग दर्शक को अंत तक पकड़ कर रखता है। रितेश शाह, राजा मेनन और सरेश नायर द्धारा तैयार किया गया स्क्रीनप्ले बढ़िया है। म्यूजिक भी कहानी के अनुसार ही है। फिल्म का छायांकन लोकेशनों की सुंदरता दिखाने में कामयाब है। शेफ के रूप में कैसे लगे सैफ ? अभिनय की बात की जाये तो सैफ अली खान इस तरह की भूमिकायें निभाने में पारंगत हैं। इससे पहले दर्शक उन्हें हम तुम और दूसरी फिल्मों में देख चुके हैं। जिन्दगी से कटे और फिर उसमें वापस लौटते शख्स को उन्होंने बहुत ही खूबसूरती से निभाया है। मलयाली फिल्मों की स्टार तथा नैशनल अवार्ड विनर प्रिया बहुत ही अनुभवी और टेलेंटिड अभिनेत्री है, उसने अपने किरदार को बेहतरीन अभिव्यक्ति दी है। स्वर कांबले बेटे के रोल में अपने स्वाभाविक अभिनय से चौंकाते हैं। सहायक भूमिकाओं में मिलिंद सोमण, चंदन सान्याल आदि ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है। अगर आपको रिश्तों की संवेदना का एहसास करना है तो आप फिल्म देख सकते हैं। #Saif Ali Khan #movie review #Chef हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article