Advertisment

कमजोर कहानी बासी रोमांस जब हैरी मेट सेजल

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
कमजोर कहानी बासी रोमांस जब हैरी मेट सेजल

रेटिंग**

इम्तियाज अली, शाहरूख खान और अनुष्का शर्मा अभिनय और मेकिंग के इन तीन महारथियों को देखते हुये फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ से उम्मीद रखना बिलुकल जायज था । लेकिन शाहरूख,अनुष्का जैसे बड़े अदाकारों की मेहनत को जाया करती ये फिल्म पूरी तरह से निराश करती है ।

यूरोप में हैरी यानि शाहरूख एक टूरिस्ट गाइड है। सेजल यानि अनुष्का शर्मा अपने परिवार के साथ योरोप ट्रिप पर है जंहा उसकी सगाई की अंगूठी खो जाती है जिसे तलाश करने के लिये वो एक बार फिर गाइड हैरी की सेवायें लेती है लेकिन इस तलाष में दोनों एक दूसरे के नजदीक आ जाते हैं और बाद में छिट पुट घटनाओं के बाद एक हो जाते हैं ।publive-image

अगर आप सोच रहे हैं कि मैने क्लाईमेक्स क्यों खोल दिया तो बता दिया जाये कि इस तरह का क्लाईमेक्स इससे पहले सैंकड़ों फिल्मों देखा चुका है। इम्तियाज अली शाहरूख के साथ काम करना चाहते थे लेकिन इसके लिये उन्होंने एक कमजोर कहानी का चुनाव किया। जिसे वे अपनी हर फिल्म में दौहराते आ रहे हैं । पता नहीं कैसे शाहरूख भी इतनी कमजोर और नकली कहानी पर फिल्म बनाने के लिये तैयार हो गये। फिल्म मध्यांतर से पहले एक हद तक एन्टरटेन करती है लेकिन उसके बाद सब कुछ टॉय टॉय फिस्ससस। क्योंकि सिर्फ योरोप की खूबसूरत लोकेशनों से फिल्म नहीं चल सकती। फिल्म की कथा पटकथा दोनों ही लचर साबित होती हैं । प्रितम का संगीत और इरशाद कामिल के गीत भी फिल्म में रोचकता पैदा नहीं कर पाते।publive-image

फिल्म में कुल दो कलाकार हैं। शाहरूख खान बेशक एक उम्दा रोमांटिक हीरो हैं लेकिन यहां भी उनकी वही जानी पहचानी अदायें हैं जो वे पिछले पच्चीस सालों से दिखाते आ रहे हैं। उनका अभिनय उम्दा है लेकिन बासी है। अनुष्का शर्मा एक बेहतरीन अदाकारा है उसने हल्के फुल्के दृष्यों के अलावा सैड सीन्स में भी प्रभावित किया है। शाहरूख के साथ वो अच्छी लगती है।

अंत में फिल्म के लिये कहना है कि कमजोर कहानी बासी रोमांस।

Advertisment
Latest Stories