मूवी रिव्यू: ‘पूरी तरह से निराश करती है’ फिल्म ‘मिरर गेम’ By Mayapuri Desk 02 Jun 2017 | एडिट 02 Jun 2017 22:00 IST in बॉक्स ऑफ़िस New Update रेटिंग* इस सप्ताह ढेर सारी रिलीज फिल्मों में दो सस्पेंस थ्रिलर फिल्में भी रिलीज हुई है। जिनमें विजित शर्मा निर्देशित साइक्लॉजिकल थ्रिलर सस्पेंस फिल्म ‘मिरर गेम’ भी है। कहानी के अनुसार जय वर्मा यानि परवीन डबास न्यूजरसी में एक कॉलेज का प्रोफेसर है जो वहां साइक्लॉजी पढ़ाता है। जय स्वयं डबल पर्सनेल्टी से पीड़ित हैं साथ ही उसे अपनी बीवी पर शक है कि उसकी कहीं और चक्कर है। एक दिन उसका स्टूडेन्ट रॉनी यानि ध्रुव बाली उससे अपने द्वारा लिखी जा रही थिसिस के लिए मदद मांगने आता है। यहां जय, रॉनी को पहले अपनी शर्त बताता है कि उसे उसकी बीवी का कत्ल करना होगा इसके लिए रॉनी राजी हो जाता है। इसके बाद कहानी में कितने ट्वीस्ट आते हैं। अंत में पता चलता है। कि इस ‘मिरर गेम’ का विजेता कौन रहा। फिल्म का एक ही आकर्षण है इसकी विदेशी लोकेशन, वरना न तो कथा में दम है न ही पटकथा में। फिल्म का सस्पेंस भी कुछ खास नहीं है। निर्देशन में कोई दम नहीं । ऐसी फिल्मों का बैक ग्राउंड म्यूजिक उनकी जान होता है। वहां भी फिल्म मात खा गई है। फिल्म में परवीन डबास काफी अरसे बाद दिखाई दिए, लेकिन उसकी आभा साधारण रही। इसी प्रकार अमेरिका में रह रही पूजा बत्रा की वापसी भी इसी फिल्म से हुई है। लेकिन उसकी पुलिस साइक्लॉजिस्ट डॉक्टर की छोटी सी भूमिका पूरी तरह से निराश करती है। ध्रुव बाली ने अच्छी कोशिश की है पुलिस ऑफिसर बनी अदाकारा का भी अच्छा काम रहा। अंत में कहा जा सकता है कि ‘मिरर गेम’ दर्शकों को पूरी तरह से निराश करने वाली फिल्म साबित होती है। हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article