मूवी रिव्यू: जिसका कुछ भी नहीं फाबता, वो है ‘राब्ता’ By Mayapuri Desk 09 Jun 2017 | एडिट 09 Jun 2017 22:00 IST in बॉक्स ऑफ़िस New Update Follow Us शेयर रेटिंग** दो कहानीयों के किसी फिल्म में चलते दिखाई देने की बात की जाये तो जंहा राकेश मेहरा की फिल्म ‘ मिर्जा साहेब’ बुरी तरह पिटी थी, वहीं अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘फिल्लौरी’ को दर्शकों ने खूब पसंद किया। ऐसी ही कहानी पर अब एक और फिल्म ‘राब्ता’ जिसे दिनेश वीजन ने निर्देशित किया है रिलीज हुई है लेकिन टी सीरीज द्धारा निर्मित इस फिल्म में निर्देशक दो कहानीयों को जोड़ने में पूरी तरह नाकामयाब रहा है । सुशांत सिंह राजपूत बुढ्ढापेस्ट में एक बैंकर है । वहीं उसे एक लड़की कृति सेनन मिलती है जो चॉकलेट शॉप चलाती है । कृति को हमेशा बुरे सपने आते हैं । दोनों मिलते ही इतने नजदीक आ जाते हैं कि शादी करने का मन बना लेते हैं । सुशांत को बैंक के काम से एक हफ्ते के लिये कहीं बाहर जाना पड़ता है । उसी दौरान कृति को एक धन कुबेर जिम सर्भ मिलता है जो उसे बेहोश कर अपने बंगले में ले आता है । कृति को होश आता है तो जिम उसे बताता है कि पिछले जन्म में वे दोनो प्रेमी प्रेमिका थे, कृति एक बहादुर लड़ाका लड़की थी लेकिन जब जिम दूसरे कबीले के जांबाज सुशंात सिंह से बुरी तरह हार जाता है तो उससे बदला लेने के लिये कृति जाती है और सुशांत के समक्ष शर्त रखती है कि अगर वो उससे लड़ाई में हार गया तो कभी उसके कबीले की तरफ नहीं देखेगा और अगर वो हार गई तो वापस न जा ताजिन्दगी उसकी गुलाम बन कर रहेगी । कृति आसानी से सुशांत से हार जाती है लेकिन सुशांत का कहना है कि वो उसे गुलाम नहीं बल्कि अपनी जीवन संगिनी बनाना चाहता है लेकिन जबरदस्ती नहीं । जब तक उनकी रूह नहीं मिलती तब तक वो उसे नहीं अपनायेगा । कृति उसकी बात और जांबाजी पर मौंहित हो मर मिटती है तथा बाद में उससे शादी कर लेती है, लेकिन इस बीच जिम धोखे से सुशांत को मार पानी में फेंक देता है तो उसके साथ कृति भी अपनी जान दे देती है । कृति के मरते ही जिम भी उसके बचपन के आशिक के तौर पर अपने आपको मार लेता है । तीनों एक बार फिर जन्म लेते हैं और एक बार फिर वही कहानी दौहराई जाती है लेकिन इस बार फर्क ये होता है कि जिम सुशांत के हाथों मारा जाता है। निर्देशक ने दो कहानीयां ली और उस पर फिल्म बना दी लेकिन कहानी की बात की जाये तो मध्यांतर तक फिल्म मुद्दे तक तक ही नहीं पाती । बस सुशांत और कृति के बीच चुहलबाजी, बिस्तरबाजी या किसिंग विसिंग चलते रहते हैं । निर्देशक के नजरिये से हीरो हीरोइन एक दूसरे को जानते पहचानते बाद में हैं लेकिन पहले ही दिन हमबिस्तर जरूर हो जाते हैं । यही क्रम वे पिछली कहानी में भी दौहराते हैं । पिछली कहानी की बात की जाये तो लेखक ने बस एक कहानी घढ़ दी, न तो उसका कोई काल है न ही कोई भाषा । सबसे बड़ी बात कि जिम सर्भ,जिसके साथ बचपन से कृति प्यार करती आई है और बाद में उसके लिये दुश्मन सुशांत सिंह तक से भिड़ जाती है लेकिन सुशांत से हारते ही वो अपने बचपन के साथी को भूल सुशांत की हो जाती है, यहां तक उसके मरने पर उसके साथ मर भी जाती है यानि हीरो विलन और विलन हीरो । पूरी फिल्म बुढढापेस्ट में फिल्माई गई है लेकिन फिल्म से बौर होता दर्शक नई लोकेशन का जरा भी मजा नहीं ले पाता । यहां तक प्रितम अपने म्यूजिक से भी दर्शक का मना नही बहला पाते । कहा जा सकता हैं कि पूरी फिल्म में कुछ भी नहीं फाबता । सुशांत सिंह ने एक चुलबुले प्रेमी की भूमिका को शिद्दत से निभाने की कोशिश की है, कृति सेनन के हिस्से में हमबिस्तर होना या किसिंग सीन्स आये हैं क्योंकि बाकी कुछ उससे करवाया ही नहीं गया । फिल्म नीरजा से लाइम लाइट में आये जिम सर्भ ने कुछ अलग करने की कोशिश की है जिसमें वे एक हद तक सफल हैं । फिल्म क्यों देखें, इसकी एक भी वजह नजर नहीं आती । #movie review #Raabta #box office movie review हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article