मूवी रिव्यू: प्रयावरण को लेकर मनोरजंन भरी सीख देती है ‘कल्पवृक्ष- विशिंग ट्री’

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
मूवी रिव्यू: प्रयावरण को लेकर मनोरजंन भरी सीख देती है ‘कल्पवृक्ष- विशिंग ट्री’

रेटिंग***

बाल फिल्में हमारे यहां  बहुत कम बनती हैं लेकिन जब भी कोई सार्थक बाल फिल्म बनाना चाहता है तो हमारे तमाम छोटे बड़े स्टार्स उसकी पूरी तरह से मदद करते हैं । इसका सबसे बड़ा उदाहरण है निर्देशक मनिका शर्मा की फिल्म ‘कल्पवृक्ष- विशिंग ट्री’ । जिसमें जंहा अमिताभ बच्चन ने अपनी आवाज दी है, वहीं दो दर्जन से कहीं ज्यादा स्टार्स ने  छोटे बड़े रोल कर अपना सहयोग दिया है । फिल्म बच्चों के जरिये प्रयावरण की बात प्रभावी ढंग से कहती है ।

एक स्कूल में एक मोटी लड़की है जिसे सब चिढ़ाते रहते हैं । इस बात से दुखी हो वो जंगल में एक वृक्ष  और वहां रह रही जादूगरनी शबाना आजमी को अपनी व्यथा बताती है । शबाना उसे कुछ इस तरह से समझाती है कि उसके बाद उसका सारा दुख दर्द जाता रहता है  और वो एक हंसमुख लड़की में तब्दील हो जाती है । इसके बाद वो  अपने स्कूल के कई लड़कों और लड़कियों को उस कल्पवृक्ष के बारे में बताती है कि वो बच्चों की हर विश पूरी करता है । उनमें कुछ बच्चे ऐसे हैं जो किसी न किसी बात को लेकर परेशान हैं, विशिंग ट्री उनकी सारी विश पूरी करता है । उसी प्रकार सौरभ शुक्ला के ढाबे पर काम करने वाला लड़का भी कल्पवृक्ष भक्त है क्योंकि उसकी वजह से ही बात बात पर पगार काटने वाला उसका मालिक सौरभ उसे ढाबे का मालिक बना देता है । जगंल में मकरंद देशपांडे और ब्रीजेश हीरजी ऐसे चोर हैं जो जंगल के पेड़  काटकर तथा जानवरों को मारकर उनके अवशेष चोरी छिपे बेचते हैं । जब  स्कूल के कुछ बदमाश बच्चों को कल्पवृक्ष दंड देता है तो वे अपने पेरेन्ट्स  और टीचर्स के बीच फैला देते हैं कि जंगल में भूतिया पेड़ है जिसे नहीं काटा गया तो वो खतरनाक साबित हो सकता है। ब्रीजेश को भी उस जादुई कल्पवृक्ष के बारे में पता चलता है तो वो गांव वालों को  कल्पवृक्ष को भूतिया पेड़ बताते हुये भड़का देता है, लिहाजा पूरा गांव उसके बहकावे में आकर पेड़ को काटने के लिये जंगल की तरफ चल देते है और जब वे पेड़े के पास पहुंचते है तो वहां पेड़ को बचाने के लिये बच्चे दीवार बन कर खड़े है। कल्पवृक्ष गांव वालों के सामने कुछ ऐसे करतब दिखाता है कि उन्हें पता चल जाता हैं कि वो कोई भूतिया पेड़ नहीं बल्कि हजारों वर्ष पूराना कल्प वृक्ष है।

फिल्म अमिताभ बच्चन की आवाज से आरंभ होती हैं जिसमें वे अपने आपको समय बताते हुये कहते हैं कि किस प्रकार घने जंगल और पहाड़ उनमें रहते जानवर तथा मानव  सालों से इस प्रकृति का हिस्सा बने हुये हैं । लेकिन अब मानव इन पहाड़ों और जंगलों को खत्म करने पर तुला है । कल ये नहीं रहेगें तो सब कुछ खत्म हो जायेगा । फिल्म की शुरूआत में निर्देशक बच्चों के माध्यम से कहानी को क्लीयर न कर उसे जटिल बनाने की कोशश करता हैं लेकिन जल्द ही उसे इस बात का एहसास हो जाता है लिहाजा इसके बाद कहानी  में सरलता आ जाती है । फिल्म में कुछ कलाकारों को देखकर लगता है कि फिल्म कई साल  पुरानी है, बावजूद इसके वो रिलीज हो रही है ये बड़ी बात है।

फिल्म में दो दर्जन से कहीं ज्यादा कलाकारों ने एक एक दो दो सीन्स किये हैं  जैसे शबाना आजमी, सोरभ शुक्ला, मकरंद देशपांडे, ब्रीजेश हीरजी,रजित कपूर,राज जुत्शी, नवनीत निशान,जया भट्टाचार्य,विनीत शर्मा, जयती भाटिया, मेहबनू मोदी- कोतवाल, मनमीत सिंह, बॉबी डार्लिंग, अमिता नांगिया,शिप्रा, हर्षदीप कौर तथा आभास यादव आदि ।

फिल्म बच्चों का मनोरंजन करते हुये उन्हें प्रयावरण के बारे में सचेत  करती है ।

Latest Stories