मूवी रिव्यू: संपूर्ण मनोरजंक फिल्म 'शुभ मंगल सावधान' By Mayapuri Desk 01 Sep 2017 | एडिट 01 Sep 2017 22:00 IST in बॉक्स ऑफ़िस New Update Follow Us शेयर रेटिंग*** कहते हैं सेक्स में कई बार आई प्रॉब्लम रोग नहीं होती लेकिन उसे ऐसा रोग मान लिया जाता है, जिसके चलते रोगी की बेहद हास्यस्पद स्थिति हो जाती है। आर एस प्रसन्ना द्धारा निर्देशित फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’एक ऐसी ही फिल्म है जिसकी कहानी ठहाकों के साथ आगे बढ़ती है। दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहा आयुष्मान खुराना और भूमि पेंडनेकर एक दूसरे को देखते हैं और उनका प्यार हो जाता है, जो बाद में अरेंज मैरिज में बदल जाता है। लेकिन शादी से पहले आयुष्मान के साथ कुछ सेक्सुअल प्रॉब्लम हो जाती है, लेकिन वह जेन्टस प्रॉब्लम है क्या? इसे लेकर वो बहुत ज्यादा मानसिक तौर पर परेशान है क्योंकि ये परेशानी हर किसी से शेयर तक नहीं की जा सकती। उसके दोस्त उसे कई बाबाओं और तांत्रिकों के पास भी ले जाते हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हो पाता। जब इस बात की जानकारी भूमि को लगती है तो वो इसे नेगेटिव वे में न लेते हुये आयुष्मान का पूरा साथ देती है। शादी हरिद्धार में होनी तय होती है। वहां पता नहीं कैसे ये प्रॉब्लम दोनों तरफ के सारे रिश्तेदारों को पता चल जाती है। इसके बाद आयुष्मान को उसका ससुर नीरज सूद उसे एक वेटरनरी डॉक्टर के पास ले जाता है। वो डॉक्टर उसे समझाते हुये कहता है कि ये कोई बीमारी नहीं बल्कि सिर्फ मानसिक दबाव की वजह से है। एक दिन ऐसा भी आता है जब सब कुछ ठीक हो जाता है। इसमें कोई दो राय नहीं इस तरह की फिल्में राइटर की फिल्में कही जाती हैं। क्योंकि इस तरह का सब्जेक्ट अश्लील हो सकता था लेकिन यहां राईटर की तारीफ करनी पड़ेगी कि उसने अपने उम्दा लेखन से फिल्म को कहीं भी अश्लील नहीं होने दिया। चाय में बिस्कुट डुबोकर या टीवी पर राकेट उड़ाकर बीमारी होने और उसके ठीक होने के हास्य भरे उदाहरण उसके एक अच्छा लेखक होने का पुख्ता सुबूत देते हैं। निर्देशक प्रसन्ना ने एक नया विषय चुना और उसे बहुत रोचक तरीके से फिल्माया। दिल्ली और दिल्ली का माहौल वहां की बोल चाल हिन्दी फिल्मों में इन दिनों काफी पंसद की जा रही हैं। फिल्म का म्यूजिक भी कथा के अनुरूप ही है। आयुष्मान खुराना फिल्म दर फिल्म निखरते जा रहे हैं खासकर ऐसी फिल्मों में जैसे उन्हें महारत हासिल हो चुकी है। इसी तरह भूमि पेंडनेकर के बारे में भी यही कहा जा सकता है। ये उसकी तीसरी और आयुष्मान के साथ दूसरी फिल्म है। हर बार उसने अपने आपको बेहतरीन अभिनेत्री साबित किया है। सहयोगी कलाकारों भूमि के माता पिता की भूमिका में नीरज सूद और सीमा पाहवा दर्शकों का खूब मनोरजंन करते हैं खासकर नीरज सूद काफी प्रभावशाली अभिनय कर गये। इसी प्रकार आयुष्मान के पिता के रोल में चितरंजन त्रिपाठी और भूमि के ताया की भूमिका में ब्रिजेश काला भी खूब हास्य का रस घोलते नजर आते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि इसे एक संपूर्ण मनोरंजन फिल्म का जा सकता है। #movie review #Shubh Mangal Saavdhan हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article