पार्टी, फंक्शन हो या पब और बार्स, आज भी बप्पी दा के गानों की गूंज हर जगह सुनाई देती है। बप्पी दा के गाने आज भी पार्टी की रौनक बढ़ा देते हैं। बॉलीवुड के गोल्ड मैन कहे जाने वाले बप्पी लाहिड़ी जिन्हें सभी बप्पी दा के नाम से जानते हैं, उन्होंने हिंदी फिल्मों में पॉप संगीत की शुरुआत की थी।
पहली बार बंगाली फिल्म में गाया गाना
बप्पी दा का जन्म 27 नवंबर 1952 को कोलकाता में हुआ था। संगीत घराने से ताल्लुक रखने वाले बप्पी दा के पिता अपरेश लाहिड़ी भी प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी माता बांसरी लाहिड़ी संगीतकार थीं। बप्पी लाहिड़ी ने चित्रानी के साथ 1977 में शादी की थी। बप्पी दा ने तीन साल की उम्र में तबला सीखना शुरू किया और तभी से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। उन्होंने संगीत अपने माता-पिता से ही सीखा और उन्होंने पहली बार बंगाली फिल्म में गाना गाया था।
पहली बार 1973 में 'नन्हा शिकारी' में दिया संगीत
बप्पी दा सोने के गहनों को अपने लिए लकी मानते हैं। बप्पी दा 70 के दशक में बॉलीवुड में आए और 80 के दशक तक छाए रहे। इसके बाद बप्पी दा का जलवा कुछ कम हो गया लेकिन उनके गाने आज भी डांस फ्लोर पर लोगों को थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। बॉलीवुड में नाम कमाने के लिए बप्पी लाहिड़ी ने 19 साल की उम्र में कोलकाता छोड़ दिया था। उन्हें पहली बार साल 1973 में 'नन्हा शिकारी' में संगीत देने का मौका मिला था।
माइकल जैक्सन थे बप्पी दा के फैन
बप्पी दा ने पहला गीत 1975 में फिल्म 'जख्मी' में मोहम्मद रफी और किशोर कुमार के साथ गाया। किशोर कुमार ने बप्पी दा को बॉलीवुड में मदद की। बप्पी दा एक दिन में सबसे ज्यादा गीत रिकॉर्ड करने का कीर्तिमान भी बना चुके हैं। बप्पी दा इकलौते ऐसे संगीतकार हैं, जिन्हें ‘किग ऑफ पॉप’ माइकल जैक्सन ने 1996 में मुंबई में हुए अपने पहले लाइव शो में बुलाया था। साल 2011 में रिलीज हुई 'डर्टी पिक्चर' में भी उनका गाना 'ऊ ला ला ऊ लाला..' सुपरहिट हुआ था।
बप्पी दा के पास मिला इतना सोना
इसके अलावा उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, जो कि वह हार गए, लेकिन संगीतकार और गायक के तौर पर उनका क्रेज आज भी बरकरार है। चुनाव आयोग में दाखिल बप्पी लहड़ी के एफिडेविट के मुताबिक उनके पास 1 किलो 700 ग्राम सोना है। इसकी कीमत 51 लाख हैं। इसके अलावा उनके घर में हिट गानों की याद में गोल्ड प्लेटेड डिस्क लगाई हुई हैं।
500 से ज्यादा फिल्मों के लिए कंपोज किए गाने
बप्पी दा ने अपने 45 साल के फिल्मी करियर में लगभग 500 से अधिक फिल्मों के लिए गाने कंपोज किए। बप्पी दा के गाए गीत 'बंबई से आया मेरा दोस्त, आई एम ए डिस्को डांसर, जूबी-जूबी, याद आ रहा है तेरा प्यार, यार बिना चैन कहां रे, तम्मा तम्मा लोगे, जैसे गीत आज भी लोगों की जुबान पर बजते रहते हैं। बप्पी दा ने 'जस्टिस फॉर विडोज' नाम के स्वयं सेवी संगठन के जरिए सराहनीय कार्य किया। इसके लिए उन्हें 'हाउस ऑफ लॉर्ड्स' सम्मान से नवाजा गया।
बेटी रीमा भी है सिंगर
बप्पी लाहड़ी के दो बच्चे हैं। उनकी बेटी रीमा भी सिंगर हैं। वहीं, बप्पी दा के बेटे का नाम बप्पा लाहिड़ी है। बप्पी लाहड़ी ने बताया था कि पोते के नामकरण पर बप्पी ने सोने की थाली में खीर खिलाई और डायमंड का पेंडिल गिफ्ट किया था। यही नहीं, बप्पी ने बेटे के साथ मिलकर बेंटले कार दी थी जिसकी कीमत 3 से 4 करोड़ है।
पार्टी, फंक्शन हो या पब और बार्स, आज भी बप्पी दा के गानों की गूंज हर जगह सुनाई देती है। बप्पी दा के गाने आज भी पार्टी की रौनक बढ़ा देते हैं। बॉलीवुड के गोल्ड मैन कहे जाने वाले बप्पी लाहिड़ी जिन्हें सभी बप्पी दा के नाम से जानते हैं, उन्होंने हिंदी फिल्मों में पॉप संगीत की शुरुआत की थी।
पहली बार बंगाली फिल्म में गाया गाना
बप्पी दा का जन्म 27 नवंबर 1952 को कोलकाता में हुआ था। संगीत घराने से ताल्लुक रखने वाले बप्पी दा के पिता अपरेश लाहिड़ी भी प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी माता बांसरी लाहिड़ी संगीतकार थीं। बप्पी लाहिड़ी ने चित्रानी के साथ 1977 में शादी की थी। बप्पी दा ने तीन साल की उम्र में तबला सीखना शुरू किया और तभी से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। उन्होंने संगीत अपने माता-पिता से ही सीखा और उन्होंने पहली बार बंगाली फिल्म में गाना गाया था।
पहली बार 1973 में 'नन्हा शिकारी' में दिया संगीत
बप्पी दा सोने के गहनों को अपने लिए लकी मानते हैं। बप्पी दा 70 के दशक में बॉलीवुड में आए और 80 के दशक तक छाए रहे। इसके बाद बप्पी दा का जलवा कुछ कम हो गया लेकिन उनके गाने आज भी डांस फ्लोर पर लोगों को थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। बॉलीवुड में नाम कमाने के लिए बप्पी लाहिड़ी ने 19 साल की उम्र में कोलकाता छोड़ दिया था। उन्हें पहली बार साल 1973 में 'नन्हा शिकारी' में संगीत देने का मौका मिला था।
माइकल जैक्सन थे बप्पी दा के फैन
बप्पी दा ने पहला गीत 1975 में फिल्म 'जख्मी' में मोहम्मद रफी और किशोर कुमार के साथ गाया। किशोर कुमार ने बप्पी दा को बॉलीवुड में मदद की। बप्पी दा एक दिन में सबसे ज्यादा गीत रिकॉर्ड करने का कीर्तिमान भी बना चुके हैं। बप्पी दा इकलौते ऐसे संगीतकार हैं, जिन्हें ‘किग ऑफ पॉप’ माइकल जैक्सन ने 1996 में मुंबई में हुए अपने पहले लाइव शो में बुलाया था। साल 2011 में रिलीज हुई 'डर्टी पिक्चर' में भी उनका गाना 'ऊ ला ला ऊ लाला..' सुपरहिट हुआ था।
बप्पी दा के पास मिला इतना सोना
इसके अलावा उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, जो कि वह हार गए, लेकिन संगीतकार और गायक के तौर पर उनका क्रेज आज भी बरकरार है। चुनाव आयोग में दाखिल बप्पी लहड़ी के एफिडेविट के मुताबिक उनके पास 1 किलो 700 ग्राम सोना है। इसकी कीमत 51 लाख हैं। इसके अलावा उनके घर में हिट गानों की याद में गोल्ड प्लेटेड डिस्क लगाई हुई हैं।
500 से ज्यादा फिल्मों के लिए कंपोज किए गाने
बप्पी दा ने अपने 45 साल के फिल्मी करियर में लगभग 500 से अधिक फिल्मों के लिए गाने कंपोज किए। बप्पी दा के गाए गीत 'बंबई से आया मेरा दोस्त, आई एम ए डिस्को डांसर, जूबी-जूबी, याद आ रहा है तेरा प्यार, यार बिना चैन कहां रे, तम्मा तम्मा लोगे, जैसे गीत आज भी लोगों की जुबान पर बजते रहते हैं। बप्पी दा ने 'जस्टिस फॉर विडोज' नाम के स्वयं सेवी संगठन के जरिए सराहनीय कार्य किया। इसके लिए उन्हें 'हाउस ऑफ लॉर्ड्स' सम्मान से नवाजा गया।
बेटी रीमा भी है सिंगर
बप्पी लाहड़ी के दो बच्चे हैं। उनकी बेटी रीमा भी सिंगर हैं। वहीं, बप्पी दा के बेटे का नाम बप्पा लाहिड़ी है। बप्पी लाहड़ी ने बताया था कि पोते के नामकरण पर बप्पी ने सोने की थाली में खीर खिलाई और डायमंड का पेंडिल गिफ्ट किया था। यही नहीं, बप्पी ने बेटे के साथ मिलकर बेंटले कार दी थी जिसकी कीमत 3 से 4 करोड़ है।