बॉलीवुड के एवरग्रीन ऐक्टर गोविंदा आज अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं। बॉलीवुड में गोविंदा न सिर्फ बेहतरीन अदाकारी के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उनकी डायलॉग डिलीवरी, दमदार डांस, हाजिर-जवाबी का कोई मुकाबला नहीं है। गोविंदा अपनी फिल्मों में हर तरह के किरदार को बखूबी निभाते हैं। कॉमेडी हो या सीरियस रोल गोविंदा हर रोल में शानदार परफॉर्मेंस देते हैं। तो आइए आज उनके जन्मदिन मौके पर हम आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...
- गोविंदा का जन्म 21 दिसंबर 1963 को मुंबई में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। गोविंदा को प्यार से लोग 'चीची' कहते हैं। उनके पिता का नाम अरूण कुमार आहूजा और मां का नाम निर्मला देवी है। उनकी पढ़ाई अन्नासाहेब वर्तक कॉलेज, वसई, महाराष्ट्र से हुई, जहां से उन्होंने कॉमर्स से ग्रेजुएशन पूरा किया।
- गोविंदा ने सबसे पहले एक खाद के विज्ञापन में काम किया था। गोविंदा ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत 1986 में फिल्म ‘इल्जाम’ के साथ की थी। तब से लेकर अब तक वह 165 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। गोविंदा अब तक 12 बार फिल्मफेयर के लिए नॉमिनेट हो चुके हैं।
- गोविंदा एक स्पेशल फिल्मफेयर, बेस्ट कॉमेडियन केटेगरी में एक फिल्मफेयर और चार ज़ी सिने अवार्ड जीत चुके हैं। गोविंदा 2004 से 2009 तक संसद भवन के सदस्य भी रह चुके है। बता दें, कि गोविंदा के लिए बॉलीवुड की कई मशहूर अभिनेत्रियां दीवानी थीं और कई के साथ उनके अफेयर की चर्चा भी खूब रही।
- बॉलीवुड में 'खंडाला गर्ल' के नाम से मशहूर रानी मुखर्जी ने हिंदी में 'राजा की आएगी बारात' से डेब्यू किया था । गोविंदा के साथ रानी के अफेयर की खूब चर्चा रही थी। खबरों के मुताबिक, रानी और गोविंदा ने 'हद कर दी आपने', 'प्यार दीवाना होता है' और 'चलो इश्क लड़ाएं' जैसी कई फिल्मों में साथ काम किया।
- इसी दौरान रानी और गोविंदा एक-दूसरे के काफी करीब आ गए थे। हांलाकि दोनों ने कभी अपने रिलेशन को एक्सेप्ट नहीं किया। गोविंदा की पत्नी सुनीता को इसके बारे में पता चला तो वो बहुत नाराज हुईं थीं और अपने बच्चों को लेकर घर छोड़कर चली गईं। इसके बाद गोविंदा और रानी ने दूरी बना ली।
- एक इंटरव्यू में गोविंदा ने बताया कि जब उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत की थी, तो 3 हफ्तों के अंदर उन्होंने कुल 49 फिल्मों को एक साथ साइन किया और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कहा कि पहले मुझे काम नहीं मिल रहा था, और जब मिला तो मैंने सोचा कि अब ऐसा काम करना है कि रुकना ही नहीं है।