बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक शेखर कपूर का आज अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। मि. इंडिया, युवा और दिल से जैसी बेहतरीन फिल्म बनाने वाले निर्देशक शेखर कपूर अक्सर अपने बेबाक बयानों के लिए भी चर्चा में रहते हैं। वो अक्सर नेताओं पर निशाना साधते हैं। बीते साल शेखर कपूर ने श्रीदेवी को नेशनल अवॉर्ड देने का विरोध किया था।
साल 2018 में श्रीदेवी को मॉम फिल्म में अभिनय के लिए बेस्ट एक्ट्रेस (मरणोपरांत) का अवॉर्ड दिया गया। यह श्रीदेवी का पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड है। लेकिन क्या आपको पता है कि शेखर कपूर, श्रीदेवी के नेशनल अवॉर्ड मिलने के खिलाफ थे।
बेस्ट एक्ट्रेस के लिए श्रीदेवी के नाम की घोषणा करने से पहले शेखर कपूर ने कहा था, 'मैं वादा करता हूं यह इसलिए नहीं कि वह मेरे करीबी थीं। हर सुबह जब मैं यहां आता था मैं हर किसी से यही कहता था कि दोबारा वोट करते हैं। मैं सबकी तरफ देखता था, बात करता था और कहता था कि श्रीदेवी का नाम नहीं होना चाहिए...श्रीदेवी नहीं।'
शेखर कपूर ने ये भी कहा था कि, 'अकसर हम वोट देते थे और हर बार श्रीदेवी का नाम सामने आता था। वो मैं था जो लड़ता था कि श्रीदेवी का नाम नहीं हो सकता। हम सब कहीं न कहीं इमोशनल रूप से श्रीदेवी से जुड़े हुए थे। मैं हमेशा कहता था, कि उसे अवॉर्ड इसलिए मत दो क्योंकि वह अब हमारे बीच नहीं है। ऐसा करना और लड़कियों के साथ नाइंसाफी होगा। उन्होंने भी दस बारह साल मेहनत से काम किया है। उनके भी करियर की बात है।'
बता दें कि उस दौरान राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार कमेटी के चेयरमैन शेखर कपूर थे और 10 सदस्यीय पैनल में अभिनेत्री गौतमी ताडीमाला, निर्देशक पी शेषाद्रि, गीतकार मेहबूब, रंजीत दास, राजेश मपुस्कर, अनिरुद्ध रॉय चौधरी, लेखक इम्तियाज हुसैन, त्रिपुरारी शर्मा और रूमी जाफी शामिल थे।