एक ऐसी शख्सियत जिसने अपने पिता के सपनों को ऊंची उड़ान दी... By Ali Peter John 24 Aug 2020 | एडिट 24 Aug 2020 22:00 IST in एडिटर्स पिक New Update Follow Us शेयर मेघना घई पुरी - अली पीटर जाॅन मेघना एक ऐसे परिवार मे पैदा हुई। जहां कि हर दीवार फिल्मों की कहानियां बताती थी उनके पिता सुभाष घई ‘ भारतीय सिनेमा के शोमैन ’ माने जाते हैं। मेघना कहानी , चर्चा , डिबेट की गवाह बनी , हालांकि वह चकाचौंध व ग्लैमर की दुनिया से दूर नहीं रही। मेघना को पूरा विश्वास था कि जैसे ही उनकी पढ़ाई खत्म हो जाएगी वह फिल्मों के साथ जुड़ेंगी। साथ ही उन्होंने यह भी सोच लिया था कि वह शादी कर घर बसा लेंगी जैसा कि उनके कई दोस्तों ने किया था। वह बहुत ही एवरेज स्टूडेंट रही थी , जिसमें आत्मविश्वास की कमी थी। अगर मेघना ग्लैमर की दुनिया का हिस्सा बनना चाहती थी तो मेघना के दो गुण ऐसे थे जिसके कारण वह ग्लैमर की दुनिया से दूर हो सकती थी। ये तो माता-पिता थे विशेषरूप से उनके पिता थे जिन्होंने अपनी बेटी में सामर्थ देखा व छिपी क्षमता की खोज करने के लिए उनकी छिपी हुई प्रतिभाओं को उजागर किया। सुभाष घई ने अपनी बेटी को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा। जब मेघना यूके में पढ़ाई कर रही थी तब उनके पिता ने मुम्बई में फिल्म स्कूल के निर्माण का सपना देखा था। जब वह स्कूल बनाने का कार्य कर रहे थे तब उन्होंने मेघना को लंदन से वापस बुला लिया था। साथ ही उन्होंने अपने कार्यालय में उपस्थित फिल्म निर्माण के सभी विभिन्न विभागों को इस्तेमाल किया , अगर ग्लैमर की दुनिया का हिस्सा नहीं होती तो वह निश्चित रूप से फिल्म निर्माण में अपने पिता के व्यवसाय प्रशासनिक खंड में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती थी , उनके पिता उन्हें विजक्राफ्ट जैसी कंपनियों के साथ इंटर्नशिप करने के लिए उन्हें प्रेरणा दिया करते थे। इवेंट कंपनी पहली ऐसी कंपनी रही जहां से मेघना में आत्मविश्वास आया व उनके ज्ञान में लाभ मिला। यह सुभाष घई का सपना था कि इंडस्ट्री के हित में फिल्म स्कूल बनाए वह उनकी बेटी मेघना इस स्कूल का हिस्सा बने। मेघना इस बात को अच्छे से समझ गई कि उनके पिता का मतलब व्यवसाय के साथ एक नई चुनौती का प्रस्ताव दे रहे हैं। विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल फाउंडेशन के नाम ये फाउंडेशन फिल्म सिटी में काफी चर्चित है। 10 साल बाद भी मेघना घई-पूरी प्रेसीडेंट के रूप में विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल को अपने लगन व मेहनत से संभाले हुए है। विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिल्म के स्कूलों में प्रथम दस में शुमार है। एक प्रेजीडेंट होने के नाते मेघना के सामने सबसे बड़ी चुनौती तब आई जब विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल के लिए उन्हें फैकल्टी का चुनाव करना था क्योंकि यह बहुत जरूरी था कि टीचर्स खुद के लिए स्टूडेंट्स से सम्मान हासिल कर सके। वुड्स इंटरनेशनल ने सत्तर छात्रों के साथ अपनी शुरूआत की थी लेकिन आज की तारीख में आठ हजार स्टूडेंट्स फिल्म , शाॅट फिल्म्स , सिनेमाटोग्राफी , एडिटिंग , साउंड इंजीनियरिंग , विज्ञापन फिल्मों , एनिमेशन , फैशन डिजाइनिंग , मीडिया एंड काॅम्यूनिकेशन , म्यूजिक विषय में ट्रेनिंग ले रहे हैं। साथ ही यह भी प्लानिंग कर रहे हैं कि विस्लिंग वुड्स की अन्य ब्रांचेस की शुरूआत कर सके। मेघना के पिता ने उन्हें पूरी आजादी दे रखी है कि वह जिस तरह से स्कूल चलाना चाहती है चला सकती है। सुभाष घई व राहुल पुरी भी मेघना को सपोर्ट करते रहते हैं। राहुल पुरी को मेघना से लंदन में प्यार हुआ जब वह पढ़ाई कर रहे थे। दोनों ने शादी कर ली व बैंकिंग में इन्वेस्टर से राहुल मुक्ता आर्ट्स के प्रबंधक निर्देशक बने। मुक्ता आर्ट्स भी वुड्स इंटरनेशनल का ही एक हिस्सा है। मेघना मानती है कि वह बाॅस नहीं है व इस बात पर विश्वास करती है वह अपनी टीम को दृढ़ता से अपने साथ ले चले। चाहे किसी अच्छे पोस्ट पर काम करने वाले पुरूष-महिला हो या सेक्योरिटी गाॅर्ड सभी को अपनी टीम मानती हूं। मैं बहुत ही भाग्यशाली हूं कि मुझे अच्छे लोगों का साथ मिला। विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल की बात करे तो मेघना ने यह कहा कि उनका स्कूल अब एक विश्व स्तर के स्कूल के रूप में स्वीकार किया गया है। ब्रिटेन के स्कूल्स व नाइजीरिया जैसे देशों के स्कूल्स में हमारे स्कूल के पाठ्यक्रम शुरू किये गए हैं। यहां तक कि हमारी फैकल्टी के लिए भी पूछती है। हम फिल्म निर्माण के हर क्षेत्र में से इस इंडस्ट्री को प्रतिभा दे रहे हैं। उनमें से बहुत से ऐसे स्टूडेंट्स रहे हैं जो प्रमुख कंपनियों के साथ फिल्ममेकर पदों पर काम कर रहे हैं। लंदन में ब्रैडफोर्ड ने मेघना के विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल मे उनके योगदान को देखते हुए उन्हें फैलोशिप से सम्मानित किया गया है। साथ ही लंदन में हाउस ऑफ काॅमन्स से भी मेघना को सम्मानित किया गया है , इन दो उपलब्धियों के बारे में वह यही कहती है कि उन्हें इसलिए यह सम्मान मिला क्योंकि अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया व आगे भी वह इसी तरह अपना काम करती रहेंगी। मेघना उस समय को भी नहीं भूली जब उनके पिता , विस्लिंग वुड्स व उन पर अस्तित्व को लेकर सवाल उठाये गए थे। तब विस्लिंग वुड्स को बड़े संकट से लड़ना पड़ा था। यह विस्लिंग वुड्स के 10 साल पुराने इतिहास में सबसे दर्दनाक दौर था पर मेघना को याद है कि उद्योग , मीडिया , प्रशंसक व उनके पिता के शुभचिंतक विस्लिंग वुड्स के साथ खड़े थे। विस्लिंग वुड्स को मिले समर्थन से उन्हें हिम्मत , आत्मविश्वास व ताकत मिली। हर कोई विस्लिंग वुड्स के अच्छे काम को देखते हुए उनके साथ खड़ा रहा व बिना किसी गंभीर परिणामों की चिंता किये बिना। मेघना देश की उन लीडिंग महिलाओँ में से एक है जिन्होंने उपलब्धियां हासिल की है। लिंग भेद व नारी शक्ति को लेकर उनके अपने विचार है। मेघना ने इस बात को भी माना कि पुरुषों से उन्हें कभी किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई व बिना किसी समस्या वह उन सभी को हासिल किया है। कंधे से कंधा मिलाकर उन्होंने काम किया। मुझे लगता है कि जब पुरूष व महिलाएं एक साथ मिलकर काम करते हैं बिना किसी आरक्षण व विचारों के तो हर क्षेत्र में काम अच्छा ही साबित होते हैं। तब हमें अपने हक की लड़ाई लड़ने की जरूरत नहीं होती। हम महिलाएं यह सदियों से साबित करती जो काम पुरूष कर सकते है वो हम भी कर सकती हैं। मेघना एक पारिवारिक महिला हैं , वह विस्लिंग वुड्स व घर दोनों की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं। मेघना का मानना है कि जिम्मेदारियों को करने की चाह हो तो हर जिम्मेदारी को निभाना संभव होता है। वह अपने पति व बच्चों को पूरा समय देती है व हमेशा ही अपने परिवार के लिए मौजूद रहती हैं। मैं उन सभी महिलाओं व पुरूषों का भी समर्थन करती हूं जो मेरे साथ काम करते हैं व जिनका परिवार है। मेरा यही मानना है जिन लोगों का खुशहाल परिवार होता है वह एक अच्छे कर्मचारी साबित होते हैं। मेघना घई-पुरी विस्लिंग वुड्स के प्रेसीडेंट के रूप में नई ऊंचाई पर पहुंच गई है लेकिन वह हल्के-फुल्के अंदाज में यह कहती है कि ‘ पिक्चर अभी बाकी है ’ । उनके बहुत से प्लाॅन है , मेघना भारत में उच्च बढ़ती शिक्षा के मानकों को देखना चाहती हैं व आशा करती है कि वुड्स इंटरनेशनल उस दिशा में एक सक्रिय भूमिका निभाएं सबसे ऊंचा स्थान हासिल करे। तथापि , दिन के अंत में सारी महत्वाकांक्षाओं व लक्ष्यों के बारे में बात करने के बाद शर्मीली बेटी ने बात को खत्म करते हुए बताया कि मेरा बस एकमात्र लक्ष्य बाकी रह गया है और वो है कि मैं अपने बाकी के लक्ष्य पूरे कर सकूं ताकि मेरे माता-पिता को मुझ पर गर्व हो। हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article