पच्चीस साल पहले चार सितारों के बच्चे एक ही कॉलेज में पड़ते थे - बॉबी देओल, धर्मेंद्र के छोटे लड़के, फिल्मकार रमेश बहल के बेटी सृष्टि और बेटा गोल्डी और स्टंट कोर्डिनेटर वीरू देवगण के बेटे विशाल देवगण। बॉबी, सृष्टि और गोल्डी सिर्फ सितारा बनने के सपने देखते थे लेकिन विशाल सिर्फ डायरेक्टर बनने में दिलचस्पी रखता था और उसने अपने कॉलेज के दिनों में कुछ शौकिया फिल्में भी बनायीं...
देखते ही देखते,वह सभी बड़े हो गए। बॉबी को उनके पिता और भाई धर्मेंद्र ने बतौर स्टार लांच किया। सृष्टि अपने फैसले के बारे में पक्की नहीं थी और उसने टीवी के लिए बनने वाली फिल्म में काम किया जिसमें सचिन ने उनके पिता की भूमिका की थी और आख़िरकार फिल्म और टीवी प्रोडूसर बन गयी। गोल्डी प्रोडूसर बन गए और विशाल फिल्म बनाने के अपने जुनून को पूरा करने में लगे थे लेकिन किस्मत ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था। विशाल के पिता के दोस्त और जाने पहचाने डायरेक्टर कुकू कोहली को विशाल में एक्शन हीरो दिखा और वह पिता और बेटे को मनाने में सफल हुए और विशाल के साथ उन्होंने फिल्म 'फूल और कांटे' बनाई। विशाल जो अब अजय के नाम से जाने जाते हैं, ने खतरनाक स्टंट्स निभाए।
फिल्म में नदीम श्रवण द्वारा दिया गया संगीत और फिल्म के स्टंट्स फिल्म को चर्चित बनाने में सफल हुए और फिल्म पूरी तरह से फूल ही फूल बन गयी और अजय देवगण को बी ग्रेड स्टंट हीरो के तौर पर इंडस्ट्री ने अपना लिया।
अजय जब तक स्टंट हीरो बनते रहे जब तक उनके शरीर की हर हड्डी और मांसपेशी नहीं टूटी। जब उन्होंने तब्बू के साथ फिल्म हकीकत में काम किया तो इंडस्ट्री और दर्शकों को उनमें रोमांटिक और गहरे अभिनेता की छवि नज़र आयी। उनकी इसी छवि, उनकी मेहनत और एक मशहूर अभिनेता बनने की चाह ने उन्हें फिल्म ज़ख्म में चमकाया, जिसके लिए उन्हें बेस्ट अभिनेता के लिए पहला राष्ट्रीय पुरुस्कार मिला। इसके बाद उन्होंने शहीद भगत सिंह का किरदार निभाया जिसके लिए उन्हें दूसरा राष्ट्रीय पुरुस्कार मिला और यह भारतीय सिनेमा में उनके सफल करियर की शुरुआत थी।
अजय के करियर ने नए मोड़ लिया जब उन्होंने काजोल के साथ कई रोमांटिक फिल्में की। लोगों ने कहा कि यह बेजोड़ जोड़ी है लेकिन उन दोनों ने एक साथ कई फिल्में की और फिर उन्हें प्यार हो गया और वह असल ज़िन्दगी में पति पत्नी बन गए।
हिंदी सिनेमा के लिए अजय एक गंभीर विजेता थे और अपने सपनों को पूरा करने के लिए वह निर्माता बने। अपनी फिल्मों को प्रोड्यूस करते करते वह एक गंभीर अभिनेता भी बने और आलोचकों और दर्शकों ने उन्हें काफी सराहा। इसके बाद उन्होंने फिर एक बड़ा कदम उठाया और इन्होंने खुद की फिल्म को डायरेक्ट करने का फैसला किया और अपनी पिछली सफल फिल्म 'शिवाय' बनायीं।
अगली फिल्म गोलमाल अगेन
अजय बहुत साधारण व्यक्ति है जिनकी सिर्फ एक लत हैं और वह है फिल्में और बेहतर फिल्में। हालाँकि उन्होंने अपने एंटरटेनर होने के वजूद से मुँह नहीं मोड़ा है और एक बार फिर खुद को बेहतरीन अभिनेता साबित करने के लिए वह फिल्म 'गोलमाल अगेन' में आ रहे है, जिसे उनके पसंदीदा डायरेक्टर रोहित शेट्टी ने बनाया है।
एक्शन से भरपूर और अलग अलग आईडिया वाला आदमी, जो एक ऐसी जगह पर पहुंच गया है जहाँ उनसे अभी सिर्फ आधी मंज़िल को तय किया है और अजय के लिए एक नहीं, दस नहीं, बहुत साड़ी और अलग अलग और अच्छी अच्छी फिल्में बाकी है।
अजय को अपनी ज़िन्दगी और करियर में सिर्फ एक ही बात का पछतावा है कि उनके पिता वीरू जी, जो हमेशा अजय के हीरो थे, आज अपने बेटे की ऊंचाइयों को देख नहीं सकते। देओल खंडन के बंगल के सामने अजय के घर की ईमारत साबित करती है कि एक स्टंटमैन का बेटा भी सफलता के आसमान को छू सकता है और आगे उड़ने के लिए उस आसमान को चीर भी सकता है। एक अजय एक ही बार अत है और फिर ऐसा छा जाता है कि दुनिया की कोई भी ताक़त उससे टकराने से पहले एक नहीं कई बार सोचती है या अजय उसे सोचने पर मजबूर कर देता है । आज अजय का ज़माना है, आज अजय वही करेगा जो उसका दिल और जिगर चाहेगा।