लाॅकडाउन के डर ने मुझे फिर आशिक बना दिया... By Mayapuri Desk 27 Apr 2021 | एडिट 27 Apr 2021 22:00 IST in एडिटर्स पिक New Update Follow Us शेयर उसकी रेशमी आवाज में उसने कहा, मुझे भूल जाओ आगे उसकी आँखों को आधी बांध कर के उसने कहा मैं खुदा की दासी हूँ, मुझे ऐसे ही रहने दो उसे मैं कैसे बताता की उसने खुदा की दासी बनकर मुझे कैसे बर्बाद किया धरती माँ कल मेरे पास आयी थी और रोकर बोली, ‘इंसान हैवान होता जा रहा है. और इसका पाप का बोझ मुझे उठाना पड़ रहा है. ये अन्याय मैं हजारो सालों से झेल रही हूँ अब सहन नहीं होता. इंसानो से कहो कि वो प्यार मोहब्बत करते रहे, नहीं तोह जब मेरा बोझ बढ़ जाएगा, अनर्थ हो जाएगा. फिर न कहना कि मैंने तुम्हे कुछ बताया नहीं जो मेरे दिल में है! और जब धरती माँ निकल गयी, मुझे एहसास हुआ कि आज वल्र्ड अर्थ डे मनाया जा रहा है सारी माहौल बहुत डरावना है , अभी से ऐसा माहौल है, तो आगे आगे न जाने क्या क्या होगा. कोई सुनेगा धरती माँ की पुकार? मैंने मांगी हुई सबसे खूबसूरत दुआ तुम हो अभ दुआ मांगता हूँ कि मेरी दुआ सलामत रहे, ऐ जिन्न ऐ खुदा, एक करके बदन के हिस्से साथ छोड़ रहे है. बस आँखों में थोड़ी सी रोशनी बाकी है, उसको इतनी जल्दी जाने नहीं देना क्योंकि इन आँखों में जो रहती है वो तुमसे बड़ी खुदा (देवी) है. माँ मेरी मंदिर ममता मेरी पूजा माँ मेरी भगवान माँ और ममता है तो मुझे क्या कमी है आज कल कही जाना नहीं है कही आना नहीं बस मेरी आँखें तुम्हारी आँखों तक पहुंचे इतना ही मेरे लिए करना , ऐ जिन्दगी मैंने खुदा की खुदाही को सिर्फ महसूस किया है मैंने कभी खुदा को देखा नहीं मैंने तुम में खुदा भी देखा और खुदाई भी देखी, ऐ जिन्दगी जर्रा जर्रा घायल है जिस्म मेरा जमाने से जख्म खाता आ रहा है ये जिस्म टूटा हुआ दिल है यह मेरा जमाने को आदत हो गयी है इस दिल को तोड़ने की जब तुमको देखता हूँ, सब जख्म सारे गम भूल जाता हूँ, ऐ जिन्दगी रात कितनी भी घनघोर हो दिन कितना भी भयानक हो तुम सामने रहो जिन्दगी यंू ही बीत जायेगी, ऐ जिन्दगी ऐसा लग रहा है कि मैं एक बार फिर हारने वाला हूँ प्यार में हारना मेरे लिए कोई नयी बात नहीं है प्यार में मेरी हारने की कहानियां अब किताबों में छपने लगी है लेकिन मेने प्यार करना कहाँ छोड़ा हैं? प्यार तो मेरा धरम है , दुआ है, ईमान है, मन्नत है, सब कुछ है, जीना भी है, मरना भी है मेने कहा था मेरा प्यार तुमको अमर कर देगा, तुम अमर हो गयी, ऐ जिन्न अब जब दुआ मांगने की जगह ही बंद है मुझे कोई तकलीफ नहीं है क्योंकि तुम मेरे लिए मंदिर भी हो, मस्जिद भी हो, चर्च भी हो और गुरुद्वारा भी हो क्योंकि मेरा प्यार ही मंदिर है, मेरा प्यार ही दुआ है और मैं तुमसे दुआ मांगता हूँ, ऐ जिन्दगी\ अली पीटर जॉन हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article