उस शाम देव साहब ने मुझे अपने पेंटहाउस में आने को कहा और मुझे बताया कि, उनके पास मेरे लिए एक सरप्राइज है!
हमेशा की तरह, मैं उनसे मिलने के लिए दौड़ता हुआ गया क्योंकि मुझे पता था कि, वह मेरी ऊर्जा, मेरा उत्साह, मेरी ताकत और मेरी प्रेरणा, मेरा सब कुछ है!
जब मैं मुंबई में अपनी पसंदीदा जगह पेंटहाउस पहुंचा, तो मैंने दो बहुत प्यारी लड़कियों और एक बुजुर्ग महिला को देखा, जिन्हें देख कर मैंने अंदाजा लगाया कि शायद वह उनकी दो बच्चियों की माँ हो सकती हैं!
उसी वक्त बिना समय बर्बाद किए देव साहब ने मुझे उन लड़कियों और उनकी माँ से मिलवाया (मेरा अनुमान सही था)। उस मां की बड़ी बेटी का नाम फरहा नाज और छोटी बेटी का नाम बेबी तबस्सुम था। फरहा इतनी खूबसूरत थी कि, मैं उन्हें देखता रह गया और यह सोचता रहा कि वह यंग सायरा बानो की तरह कैसे दिख रही है! देव साहब ने इन्हें अपने घर इनवाइट किया था और यह परिवार हैदराबाद से मुंबई आया था क्योंकि फराह अभिनेत्री बनना चाहती थीं!
देव साहब ने फरहा के लिए बात की और एन चंद्रा और यश चोपड़ा जैसे फिल्म निर्माताओं ने उन्हें साइन करने में अपनी रुचि दिखाई। चंद्रा उन्हें अपनी फिल्म ‘तेजाब’ की नायिका के रूप में कास्ट करना चाहते थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया और उन्होंने फिर माधुरी दीक्षित को कास्ट किया और फिल्म ने खासकर माधुरी की वजह से देश भर में सनसनी मचा दी थी!
यश चोपड़ा फिल्म ‘फासले’ बना रहे थे और उन्होंने इसमें सुनील दत्त और रेखा को कास्ट किया था और उन्होंने हीरो के रूप में दिग्गज गायक महेंद्र कपूर के इकलौते बेटे रोहन कपूर का लेने का फैसला किया था और वह रोहन की हीरोइन की भूमिका निभाने के लिए एक नई लड़की कि तलाश में थे। यश ने देव साहब से बात की और उनसे पूछा कि क्या वह फरहा को कास्ट कर सकते है और देव साहब जो बहु काइंड थे और किसी भी व्यक्ति की मदद करना पसंद करते थे और हर किसी ने तब यश से फरहा को ‘फासले’ के लिए साइन करने को कहा और फरहा रातों-रात स्टार बन गई थीं।
वह फिर आगे कई बड़ी फिल्मों को साइन करती रहीं, जिसमें ‘लव 86’ भी शामिल थी, जिसमें उन्हें फिर से रोहन कपूर के साथ कास्ट किया गया था। ‘लव 86’ की शूटिंग के दौरान मैं फरहा को बेहतर तरीके से जानने लगा था और हम दोनों एक अच्छे दोस्त बन गए थे। वह पहले से ही जल्द एक अभिनेत्री के रूप में प्रसिद्ध हो गई थी, जो थोड़ी सनकी थी और उनके पास अपने जीवन को जीने और काम करने के अपने अलग तरीके थे!
उन्हें यश चोपड़ा के कई सहायकों में से एक राजेश सेठी से प्यार हो गया था और वह उनके साथ शादी करने की योजना बना रही थी। वे दोनों नियमित रूप से मुझसे मिला करते थे और कभी-कभी मेरे घर भी आया करते थे। उन्होंने अपनी प्रेम कहानी को तब एक खुली कहानी बना दिया जब उन्होंने निर्देशक के रूप में राजेश की पहली फिल्म के मुहूर्त में एक परिचारिका की भूमिका निभाई थी जिसमे अनुपम खेर मुख्य भूमिका में थे!
यह उस समय के आसपास था जब उनके पास महबूब स्टूडियो में एक ओर मुहूर्त था जो एक स्टार लिट अफेयर था।
मैं स्टूडियो के बगीचे में अपने कुछ पत्रकार मित्रों के साथ खड़ा था, जब फरहा अचानक मेरी ओर दौड़ती हुई आई और मेरे कॉलर को लेकर मेरा मजाक उड़ाया और उनके एक मिनट के पागलपन ने मुझे उस उद्योग के बीच गॉसिप का विषय बना दिया था जहाँ मैं जाना जाता था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मैं कुछ गॉसिप पत्रिकाओं के भी काम आऊंगा। और एक हिंदी पत्रिका ने इस बारे में एक अलग ही कहानी चलाई कि जो फरहा ने मेरे साथ किया उन्होंने एक बोल्ड हेडिंग “फरहा ने अली को मारा” के साथ एक स्टोरी लिखी। यह पहली और आखरी बार था कि मैं एक गॉसिप पत्रिका का हिस्सा बना था, वो भी सिर्फ फरहा नाज की उस हरकत की वजह से।
संयोग से, वह छोटी बच्ची जिसे मैंने देव साहब के पेंटहाउस फरहा के साथ देखा था, वह देश की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक थी। जिसका नाम अब तब्बू हैं।