अलीगढ़ में नदी के पार वाले मेले की यादें: अनूप उपाध्‍याय

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By Mayapuri Desk
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अलीगढ़ में नदी के पार वाले मेले की यादें: अनूप उपाध्‍याय

अनूप उपाध्‍याय टेलीविजन के एक बेहद कामयाब और मशहूर अभिनेता हैं। इन दिनों वह सोनी सब के ‘जीजाजी छत पर कोई है’ में नज़र आ रहे हैं। हाल ही में हुई एक बातचीत में उन्‍होंने अपने गृहनगर, जोकि उत्‍तर प्रदेश के अलीगढ़ में है, में बिताये गये पलों के बारे में बताया।

अनूप का जन्‍म और पालन-पोषण अलीगढ़ में हुआ है। उन्‍होंने वहां पर बिताये गये अपने बचपन के दिनों, अपने पसंदीदा फूड और अपने होमटाऊन से जुड़ी सभी खास यादों के बारे में बात की।

अपनी खुशनुमा यादों को साझा करते हुये अनूप उपाध्‍याय ने कहा, “मेरी एक सबसे प्‍यारी याद है, रामलीला देखने जाने के लिये तैयार होना। उत्‍तर प्रदेश में रामलीला एक उत्‍सव की तरह होता है। शहर के अधिकतर लोग रामलीला देखने आते हैं। मुझे अपने दोस्‍तों के साथ रामलीला देखने में हमेशा ही बहुत मजा आता था। अलीगढ़ अपने फैशन सेंस के लिये भी काफी मशहूर है। उन दिनों, खासतौर से सर्दियों में, हमारी मांयें स्‍पेशल कलरफुल स्‍वेटर्स बुनती थीं। हर किसी को अलग-अलग और बेहद खूबसूरती से बुने गये स्‍वेटर्स पहने हुये देखकर बहुत खुशी होती थी। अपने होमटाऊन अलीगढ़ में बिताये हुये बचपन के दिन हमेशा मेरी यादों में बसे रहेंगे। हम सभी दोस्‍त रेलवे स्‍टेशन के नजदीक एक चाय की टपरी पर मिलते थे और खूब मस्‍ती करते थे। उस समय ऐसा लगता था कि बस यही जिंदगी है और यह ऐसी ही रहने वाली है। उस समय हमारे दिलों में जो खुशी हुआ करती थी, वो आज के समय में मिल पाना मुश्किल ही है।”

अलीगढ़ में अपने पसंदीदा जगहों के बारे में बताते हुये अनूप उपाध्‍याय ने कहा, “अलीगढ़ में नदी के पार वाले मेले की यादें, मुझे हमेशा याद रहेंगी। हम नाव में बैठकर जाया करते थे और उस जगह पर हमें ऐसा लगता था जैसे कि हम एक नये शहर में पहुंच गये हैं। हमलोगों को वह जगह कमाल की लगती थी। वह मेला हर साल एक महीने के लिये लगता था। वहां पर कई शोज, डांस, सर्कस ऐक्‍ट्स आयोजित होते थे। हम उनका भरपूर मजा लेते थे और मेला खत्‍म होने के बाद फिर से उसके लगने का इंतजार करने लगते थे। इसके अलावा, इस जगह की एक और खास बात थी, यहां का खाना। यहां पर मिलने वाली आलू की कचौरी और गरमागरम जलेबियां इतनी स्‍वादिष्‍ट होती थीं कि लोग हर सुबह उन पर टूट पड़ते थे। आज के समय में, छोटी-छोटी चीजों में वैसी खुशियां हम नहीं ढूंढ पाते हैं। हर कोई सेहत को लेकर सतर्क हो गया है और खाने-पीने की ऐसी चीजों से परहेज करने लगा है।”

जल्‍दीराम शर्मा का किरदार निभा रहे, अनूप उपाध्‍याय ने आगे कहा, “मैं आखिरी बार दो साल पहले अपने होमटाऊन गया था और वह भी 20 सालों के बाद। मैं आखिरकार अपने घर जा पाया। वहां पर हर चीज अलग नजर आ रही थी, सब बदल गया है। हालांकि, जो बदलाव हुये हैं, वो वहां के विकास को ही दिखाते हैं। आखिर में, मैं अपने प्रशंसकों से कहना चाहूंगा कि अपने होमटाऊन, जन्‍मस्‍थलों, अपनी जड़ों और अपनी परवरिश को कभी नहीं भूलें। साथ ही उन सभी चीजों को जो उन्‍होंने सीखी है, क्‍योंकि वही आप हैं और आपने अपनी उन्‍हीं चीजों को दुनिया के सामने रखा है।”

अनूप उपाध्‍याय को जल्‍दीराम शर्मा के रूप में देखिये, ‘जीजाजी छत पर कोई है’ में सिर्फ सोनी सब पर

अलीगढ़ में नदी के पार वाले मेले की यादें: अनूप उपाध्‍याय

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